नई दिल्ली: भाई दूज, जिसे भ्रातृ द्वितीया और यम द्वितीया भी कहा जाता है, हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह त्योहार होली के दो दिन बाद मनाया जाता है. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर और उनकी रक्षा का वचन देकर उनका सम्मान करते हैं. भाई दूज के इतिहास के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं. भाई दूज, जिसे भाई टीका भी कहा जाता है, हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह त्योहार होली के दो दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर और उनकी रक्षा का वचन देकर उनका सम्मान करते हैं.
होली 2024 के बाद भाई दूज: तिथि, समय और महत्व
होली 2024: 25 मार्च 2024
भाई दूज 2024: 27 मार्च 2024
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त: सुबह 08:36 बजे से 10:25 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: दोपहर 03:31 बजे से शाम 05:04 बजे तक
भाई दूज की पूजा विधि: भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाई को स्नान करवाकर उन्हें नए कपड़े पहनाती हैं. फिर, बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं. इसके बाद, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं.
होली भाई दूज की पौराणिक कथा
पहली कहानी: इस कहानी के अनुसार, यमदेव और यमुना भाई-बहन थे. यमुना अपने भाई से बहुत प्यार करती थीं. एक बार यमदेव यमुना से मिलने आए. यमुना ने अपने भाई का स्वागत किया और उन्हें भोजन करवाया. यमदेव यमुना के प्यार से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना से वरदान मांगने को कहा. यमुना ने वरदान मांगा कि हर साल यमदेव धरती पर आकर उनसे मिलें. यमदेव ने यमुना का वरदान स्वीकार किया और तब से यह त्योहार मनाया जाता है.
दूसरी कहानी: इस कहानी के अनुसार, सूर्यदेव की पत्नी संज्ञा ने अपनी छाया छाया को अपने बच्चों यम, यमुना, शनि की देखभाल करने के लिए कहा. छाया यम से बहुत प्यार करती थीं. एक बार यम ने छाया से पूछा कि आप मुझसे इतना प्यार क्यों करती हैं? छाया ने कहा कि क्योंकि तुम मेरे पुत्र हो. यम यह सुनकर बहुत क्रोधित हो गए और उन्होंने छाया को शाप दिया कि तुम हमेशा के लिए पृथ्वी पर रहोगी. छाया ने यम से क्षमा मांगी, लेकिन यम ने अपना शाप वापस नहीं लिया. यमुना को जब यह पता चला तो वह बहुत दुखी हुईं. उन्होंने यम से विनती की कि वे छाया को क्षमा कर दें. यम ने यमुना की विनती स्वीकार कर ली और कहा कि हर साल एक दिन यम धरती पर आकर छाया से मिलेंगे. यह दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है.
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक है. यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें अपने भाई-बहनों का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए.