एसटीएफ ने गैंगस्टर के मंसूबे किए फेल, अब तक कर चुका है दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी
– पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला है आरोपित, परिवार से दूर देहरादून में पहचान बदलकर रहता था
देहरादून। सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर नवयुवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाला फरार इनामी गैंगस्टर उत्तराखंड एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। फरार इनामी गैंगस्टर देहरादून में ठिकाना बना रखा था और नवयुवकों को ठगने के फिराक में था। इसके लिए योजना भी
बना ली थी। गैंगस्टर गिरफ्तारी से बचने के लिए मोबाइल का उपयोग नहीं करता था, लेकिन मुखबिर तंत्र के जाल में फंस गया और एसटीएफ ने गैंगेस्टर के मंसूबे को नाकाम कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने गिरफ्तार किए गए इनामी अपराधी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपित पंकज सामंत के विरुद्ध उत्तराखंड के नवयुवकों को सेना में भर्ती करवाने के नाम पर दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी किए जाने के संबंध में जनपद पिथौरागढ़ में अलग-अलग थानों में चार और उधमसिंह नगर में दो अभियोग पंजीकृत किए गए थे। इसमें जनपद पिथौरागढ़ के कोतवाली जौलजीवी, थाना जाजरदेवल, कोतवाली पिथौरागढ़ में एक-एक अभियोग और जनपद उधमसिंह नगर के कोतवाली खटीमा में दो अभियोग वर्ष 2023 में पंजीकृत हुए थे।
आरोपित का आपराधिक इतिहास है, जो गैंग बनाकर नवयुवकों को फौज में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगी कर चुका है। इसकी गैंग की गतिविधियों को देखते हुए इस गैंग के विरूद्ध कोतवाली जौलजीवी जनपद पिथौरागढ़ में गैंगस्टर एक्ट का अभियोग भी पंजीकृत किया गया है। यह आरोपित वर्ष 2023 से लगातार फरार चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ ने इस पर 10 हजार रुपये इनाम घोषित किया था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए नहीं करता था मोबाइल का उपयोग-
आरोपित किसी प्रकार से फोन का उपयोग नहीं करता था तथा मैन्युअल सूचनाओं के आधार पर एसटीएफ टीम इसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी। बुधवार को देर रात एसटीएफ ने इनामी आरोपित को देहरादून के धोरण खास थाना राजपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
देहरादून में बना रखा था ठिकाना, वर्ष 2023 से था फरार-
इनामी अपराधी पंकज सामंत पुत्र त्रिलोक सिंह निवासी प्लाट नंबर 24 जीएफकेएच निगली बिहार एक्सटेंशन बपरौला पश्चिमी दिल्ली ने पूछताछ में बताया कि वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए काफी समय से धोरण खास राजपुर देहरादून क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रखा था। अपनी पहचान बदलकर रह रहा था और परिवार से भी किसी भी प्रकार से संपर्क नहीं करता था। अपना फोन भी फरार होने के बाद से बंद किया हुआ था। इस क्षेत्र में भी नवयुवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की योजना बना रहा था और अंजाम देने के फिराक में था।