ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में चार ग्रहण लगेंगे। पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च को लगने जा रहा है। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा।
जब-जब ग्रहण लगता है तब-तब इसका खगोलीय और धार्मिक महत्व विशेष रूप से माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की घटना को काफी खास माना जाता है। नया साल शुरू हो गया है और वर्ष 2024 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें 2 चंद्र ग्रहण होंगे जबकि 2 सूर्य ग्रहण होंगे। साल का पहला ग्रहण 25 मार्च को लगेगा जो चंद्र ग्रहण होगा। 25 मार्च को चंद्र ग्रहण लगने पर चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद होंगे जहां पर पहले से राहु विराजमान होंगे। इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान होली का त्योहार मनाया जाएगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदी पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी सोमवार 25 मार्च 2024 को चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। साल का पहला चंद्रग्रहण सुबह 10:23 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 03:02 मिनट तक रहेगा। हालांकि इस चंद्र ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्से, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में दिखाई देगा
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में चार ग्रहण लगेंगे। पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च को लगने जा रहा है। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा। इसके अलावा पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल और दूसरा सूर्य ग्रहण बुधवार 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है।
24 को होलिका दहन और 25 को धुलंडी
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रविवार 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और सोमवार 25 मार्च को धुलंडी यानी रंगों से होली खेली जायेगी। 25 मार्च को ही प्रातः 10:23 से दोपहर 3:02 तक चंद्र ग्रहण रहेगा।24 को होलिका दहन और 25 को धुलंडीज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रविवार 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और सोमवार 25 मार्च को धुलंडी यानी रंगों से होली खेली जायेगी। 25 मार्च को ही प्रातः 10:23 से दोपहर 3:02 तक चंद्र ग्रहण रहेगा। होलिका दहन पर
भद्रा की छाया, मिलेगा सिर्फ एक घंटा 20 मिनट
चंद्र ग्रहण के साए में होली
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग की गणना के मुताबिक साल 2024 में होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को रात 09:57 मिनट से आरंभ हो जाएगी जिसका समापन 25 मार्च को रात्रि के 12:32 मिनट पर होगा। इस तरह से 25 मार्च को चंद्र ग्रहण के साए में होली का त्योहार मनाया जाएगा।
25 मार्च को 2024 का पहला चंद्र ग्रहणकुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नए साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो 25 मार्च 2024 को लगेगा। यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से होकर गुजरता है। इस दौरान ग्रहण काफी कमजोर होगा, जिस कारण इसे पूर्ण या आंशिक ग्रहण की तुलना में नग्न आंखों से देखना कठिन हो जाता है। चंद्रमा गहरी छाया में प्रवेश नहीं करता। यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से, अफ्रीका के कुछ हिस्से उत्तर और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखेगा।
चंद्र ग्रहण समय: प्रातः काल 10: 23 मिनट से लेकर दोपहर 03: 02 मिनट तक है
चंद्र ग्रहण की कुल अवधि: 04 घंटे 36 मिनट तक
भारत में दिखाई नहीं देगा पहला चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष पड़ने वाले चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। भारत में ग्रहण ना दिखने की वजह से इसका असर भी नहीं होगा इसलिए सूतककाल भी यहाँ मान्य नहीं होगा। जिससे होली के दिन बिना किसी परेशानी पूजा आदि के कार्य करने में कोई परेशानी नहीं है।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 25 मार्च को लगने वाले चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशि के जातकों पर इस चंद्रग्रहण का विशेष असर देखने को मिल सकता है। इस चंद्र ग्रहण के कारण कुछ राशि की किस्मत चमक सकती है और अच्छा धन लाभ हो सकता है। मिथुन, सिंह, मकर और धनु राशि के जातकों पर इस चंद्र ग्रहण का शुभ प्रभाव रहेगा।अप्रैल में पहला सूर्य ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वहीं साल के पहले चंद्र ग्रहण के बाद अप्रैल में चैत्र अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह पश्चिमी एशिया, दक्षिणी-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव में देखा जा सकेगा। भारत में इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा।
18 सितंबर को आखिरी चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 में होगा। ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी यह दिखेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा ही गहरी छाया में प्रवेश करेगा।
द्वितीय चंद्र ग्रहण समय: प्रातः काल 06:12 मिनट से लेकर 10:17 मिनट तक है