नई दिल्ली : तेल और गैस क्षेत्र के भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा लागत में कमी के लिए तेल बाजार के उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच साझेदारी पर विशेष जोर दिया। मोदी से मिलने वालों में सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मंत्रियों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों जैसे कि सऊदी अरामको, एडनॉक, बीपी, रोजनेफ्ट, आईएचएस मार्किट, पॉयनियर नेचुरल रिसोर्सेज कम्पनी, एमरसन इलेक्ट्रिक कम्पनी, तेलुरियन, मुबादाला इन्वेस्टमेंट कंपनी, श्लमबर्गर लिमिटेड, वुड मैकेंजी, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), एनआईपीएफपी और ब्रुकिंग्स इंडिया के सीईओ एवं विशेषज्ञ भी शामिल थे। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली एवं धर्मेन्द्र प्रधान और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार के अलावा केन्द्र सरकार एवं नीति आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं तेल व गैस की खोज, उत्पादन तथा विपणन में संलग्न भारतीय कंपनियों के सीईओ भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और सीईओ ने ‘कारोबार में सुगमता’, विशेषकर भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षो में उठाए गए विभिन्न कदमों की सराहना की। विशेषज्ञों ने अपतटीय (अपस्ट्रीम) निवेश की दृष्टि से भारत की प्रतिस्पर्धी रैंकिंग में सुधार का उल्लेख किया जो 56वीं रैंकिंग से सुधरकर अब 44वीं रैंकिंग हो गई है। इस दौरान अनेक विषयों पर चर्चा हुई जिनमें भारत में तेल व गैस क्षेत्र से जुड़े बुनियादी ढांचे का विस्तार करना, खोज एवं उत्पादन का दायरा बढ़ाना, सौर ऊर्जा एवं जैव ईंधनों में संभावनाएं ढूंढ़ना और ऊर्जा क्षेत्र के लिए केन्द्र सरकार की समग्र अवधारणा भी शामिल हैं। विशेषज्ञों ने इस तरह के संवाद की अनूठी पहल की सराहना की क्योंकि इसकी बदौलत विभिन्न हितधारकों को नीतिगत विषयों पर एकजुट होने का मौका मिला।
ऊर्जा क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने तेल एवं गैस बाजार में भारत की उल्लेखनीय हैसियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि तेल बाजार का संचालन उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है और इसकी मात्रा एवं मूल्य दोनों का ही निर्धारण तेल उत्पादक देश करते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो पर्याप्त उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन तेल क्षेत्र में विपणन के लिए अपनाए जाने वाले अनूठे तरीकों के कारण तेल के मूल्य बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य बाजारों की तर्ज पर तेल बाजार में भी उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच साझेदारी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे बेहतरी के मार्ग पर अग्रसर वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी।