असम का रोग जनसंख्या है- मुख्यमंत्री

गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम का रोग इसकी बढ़ी हुई जनसंख्या है। उन्होंने कहा कि 3 करोड़ 60 लाख की जनसंख्या वाले राज्य असम की तुलना पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के साथ नहीं की जा सकती है।मुख्यमंत्री आज असम विधानसभा के चालू बजट सत्र के सातवें दिन कांग्रेस विधायक भरत चंद्र नरह के सवालों का उत्तर देते हुए उपरोक्त बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेघालय की जनसंख्या 20 लाख है ऐसे में 20 लाख आबादी वाले राज्य मेघालय और 3 करोड़ 7 लाख आबादी वाले राज्य असम की कोई तुलना नहीं हो सकती है। भरत नरह ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तुलना में असम में नामांकन करवाने वाले छात्रों की प्रतिशतता कम होने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़े में कमी आने की वजह यह थी कि असम के 130 कॉलेज अपने डाटा अपलोड नहीं कर पाए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ 350 कॉलेज के प्रिंसिपलों कि कल बैठक बुलाई थी और उसमें आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे बल्कि, इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री निजुत मईना योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के अधिक से अधिक छात्र कॉलेज में दाखिला ले सकें इसके लिए सरकार विभिन्न स्तर पर प्रयास कर रही है।सफाई के इंडेक्स में असम का देश के अंदर 20वां स्थान है तथा राज्य के रूप में गुवाहाटी शहर का 31वां स्थान रहने को लेकर कहा कि यह सरकार के लिए लाज की बात नहीं है बल्कि, यह असम और असमिया जाति के लिए लज्जा की बात है।उन्होंने कहा कि असम में एक सिटीजन मूवमेंट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंदौर इसलिए स्वच्छ शहर है क्योंकि, लोग सुबह उठकर ही कचरा लेकर घरों से बाहर जाकर उसे निपटा आते हैं लेकिन आज भी असम के लोग कचरा उठाने के लिए पैसे देने में आनाकानी करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव बीत जाने के बाद गुवाहाटी के हर वार्ड में घूमेंगे और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करेंगे।

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