मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या पूर्वजों और पितरों के सम्मान के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है. पंचांग के अनुसार यह अमावस्या माघ महीने में आती है. आज यानि 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. इस दिन लोग अपने पूर्वजों और पितरों के अलावा भगवान विष्णु और भगवान शिव की भी पूजा करते हैं. मौनी अमावस्या मनाने के लिए, भक्त कई अनुष्ठान करते हैं और मौनी व्रत रखते हैं. वे पितृ दोष पूजा करते हैं,भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और गंगा में पवित्र स्नान करते हैं. ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वज प्रसन्न होते हैं. वहीं ज्योतिष की मानें तो इस बार अमावस्या पर शुभ संयोग बने हैं. ऐसे में इस शुभ संयोग में स्नान-दान करने से कई गुना अधिक फल मिलेगा. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
मौनी अमावस्या शुभ संयोग (Mauni Amavasya 2024 Shubh Yog)
ज्योतिष के अनुसार मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. ऐसा माना जाता है कि इस योग में काम करने से उसमें सफलता अवश्य मिलती है और इस योग में पूजा करने से जातकों को कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है. यह शुभ संयोग 9 फरवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से देर रात 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.
मौनी अमावस्या पर करें ये काम
ज्योतिष के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन आपको किसी पवित्र नदी या फिर, गंगा जल से स्नान करना चाहिए. इस दिन आपको तेल का दान, शिव जी का अभिषेक, पितरों का तर्पण आदि धार्मिक कार्य भी करना चाहिए. इस दिन ये कार्य करना बहुत फलदायी माने गए हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से साधक की सात पीढ़ियां तर जाती है.
मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Significance)
हिंदू मौनी अमावस्या को अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व देते हैं. इस दिन लोग पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए हवन, पितृ दोष पूजा और यहां तक कि पिंड दान सहित सभी पूजा अनुष्ठान करते हैं. हालांकि इस दिन विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे सभी कार्यक्रम करना शुभ नहीं माना जाता है. ‘मौनी’ नाम का अर्थ मौन है, और मौनी अमावस्या का दिन मौन अभ्यास के लिए समर्पित है. इस दिन भक्त आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव करने के लिए मौन व्रत का संकल्प लेते हैं. मौनी अमावस्या पर भक्त पूरे दिन मौन रहने का संकल्प लेते हैं. इस दिन दान, पुण्य और पूजा का आयोजन करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.