लखनऊ, 7 फरवरी। आजादी के अमृतकाल में सुशासन की अविरल अमृतधारा से उत्तर प्रदेश को सिंचित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार उच्च कानून-व्यवस्था प्रणाली समेत कई मानकों में नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश को अब देश में रोल मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है और उत्तर प्रदेश की इस बदलती छवि को सबसे ज्यादा बल योगी सरकार के 7 वर्षों के कार्यकाल के दौरान मिला है। बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन के दौरान सीएम योगी ने प्रदेश में सुशासन की तस्वीर की पेश की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश की विकासगाथा पर फोकस करने के साथ ही सुशासन व कानून व्यवस्था को लेकर आए परिवर्तन का खाका खींचते हुए जीरो टॉलरेंस नीति समेत अपराध के खिलाफ क्विक रिस्पॉन्स टाइम जैसी प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम उप्लब्धियों को गिनाते हुए उन पक्षों पक्षों की ओर विधानसभा का ध्यान आकृष्ट कराया जिनके कारण उत्तर प्रदेश अब देश में रोल मॉडल राज्यों के तौर पर देखा जा रहा है।
सुशासन को लेकर कही यह बात…
सीएम योगी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन के दौरान कहा कि वर्तमान समय आजादी के अमृतकाल का है और देश व प्रदेश नए संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। हर भारतवासी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘पंच प्रण’ से स्वयं को जोड़कर देश के विकास में अपना योगदान करने तो तत्पर है। सुशासन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्यपद्धति में सुधार, तकनीक का उपयोग, पारदर्शिता, जनसंवाद, मुख्यमंत्री कमांड सेंटर में स्थापित सीएम डैशबोर्ड से सतत मॉनीटरिंग जैसे प्रयास किये गए। उन्होंने बताया कि पिछले 07 वर्षों में सम्पूर्ण समाधान दिवस’, ‘थाना दिवस’ ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076’, आईजीआरएस एवं अन्य प्लेटफॉर्म्स पर 04 करोड़ 77 लाख 89 हजार 657 संदर्भ प्राप्त हुए। जिसमें 04 करोड़ 74 लाख 64 हजार 469 संदर्भों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया।
कानून-व्यवस्था के लिहाज से उत्तर प्रदेश अब बन रहा है रोल मॉडल
सीएम योगी ने भाषण के दौरान कहा कि विगत सात वर्षों में आमजन में जो सुरक्षा का वातावरण पैदा हुआ है उसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद तथा प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की गई है। सभी 75 जिलों में साइबर सेल क्रियाशील। जिला स्तर पर संचालित साइबर सेल को थाने स्तर तक विस्तार का किया निर्णय। साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ पर एडवांस साइबर फॉरेंसिक लैब, 18 परिक्षेत्रीय थानों पर बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब तथा 57 जनपदीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की कार्यवाही प्रचलित। सीएम योगी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले अपराध के पैमाने पर उत्तर प्रदेश की छवि और मौजूदा छवि में जमीन-आसमान का फर्क आया है, आज उत्तर प्रदेश देशभर में अपराध उन्मूलन की दिशा में रोल मॉडल बनकर उभरा है।
कानून-व्यवस्था से जुड़े इन अहम प्वॉइंट्स का सीएम योगी ने किया उल्लेख…
● उ.प्र. राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान, लखनऊ की स्थापना।
● 1 लाख 55 हजार 623 पदों पर पुलिस कर्मियों की भर्ती। (पुरुष- 1,32,953 महिला- 22,670)
● 68,607 पदों पर भर्तियां प्रचलित, साथ ही पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता दोगुना किये जाने की कार्यवाही प्रचलित।
● प्रदेश में 124 नये थाने, 88 नई चौकियां, 7 नये महिला पुलिस थाने, 4 नये आर्थिक अपराध इकाई थाने, 16 नये साइबर क्राइम थाने स्थापित।
● राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की तीन कम्पनियां क्रियाशील है एवं तीन अतिरिक्त कम्पनियों का गठन व पदसृजन।
● वीरांगना झलकारी बाई महिला पीएसी बटालियन गोरखपुर, वीरांगना अवन्ती बाई महिला पीएसी बटालियन बदायूं, वीरांगना उदा देवी महिला पीएसी बटालियन लखनऊ की स्थापना।
● प्रदेश में पहली बार महिला पुलिस कर्मियों को बीट पुलिस के रूप में दायित्व दिया गया। वर्तमान में 10,417 महिला बीट गठित हैं।
● एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन।
● महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन।
● देवबन्द, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित कई अन्य जनपदों में ए.टी. एस. की नई फील्ड यूनिट गठित।
● आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुई है। महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में नम्बर एक राज्य है।
एनसीआरबी के आंकड़ों का भी किया उल्लेख
सीएम योगी ने एनसीआरबी के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण की स्थिति स्पष्ट की। यह इस प्रकार है…
- 86.97 : प्रतिशत डकैती के मामलों में आई है गिरावट वर्ष 2016 के सापेक्ष
- 75.66: प्रतिशत लूट के मामलों में आई है कमी 2016 की तुलना में
- 42.99 : प्रतिशत हत्या के मामलों में आई है कमी 2016 की तुलना में
- 72.31 : प्रतिशत कमी अपहरण-फिरौती व 64.24 प्रतिशत बलवा के मामले में आई है कमी 2016 की तुलना में
- 45.72 : प्रतिशत कमी आई है प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में 2016 की तुलना में कुल मिलाकर