लखनऊ, 28 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 2024 के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े ऐतिहासिक कार्यक्रम के साथ-साथ प्रदेश में काम कर रही वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के बहराइच में बायो फर्टिलाइजर और बायो पेस्टिसाइड बनाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बारे में पूरे देश को अवगत कराया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को सुना और साथ ही स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के उत्साहवर्धन पर पीएम मोदी का आभार भी जताया। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में जनपद बहराइच में बायो फर्टिलाइजर और बायो पेस्टिसाइड बनाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया है। इससे देश-प्रदेश की अन्य महिलाओं में भी आत्मनिर्भरता की इच्छाशक्ति जागृत होगी। ‘उन्नति जैविक इकाई’ संगठन से जुड़ी महिलाओं का यह अभिनव प्रयास उनकी आय में वृद्धि करने के साथ ही प्राकृतिक खेती की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। कृषि क्षेत्र में प्रेरणा बनी मातृशक्ति का अभिनंदन और प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।’
बहराइच के उन्नति जैविक इकाई संगठन का पीएम ने किया जिक्र
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बेटियों और देश की महिलाओं द्वारा किए जा रहे अनूठे प्रयास की तारीफ की। इसी दौरान उन्होंने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वो दिन दूर नहीं, जब आपको गांव-गांव में खेतों में नमो ड्रोन दीदियां, ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी। उन्होंने कहा कि मुझे यूपी के बहराइच में स्थानीय चीजों के उपयोग से बायो फर्टिलाइजर और बायो पेस्टिसाइड तैयार करने वाली महिलाओं के बारे में पता चला। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी निबिया बेगमपुर गांव की महिलाएं, गाय के गोबर, नीम की पत्तियां और कई तरह के औषधीय पौधों को मिलाकर बायो फर्टिलाइजर तैयार करती हैं। इसी तरह ये महिलाएं अदरक, लहसुन, प्याज और मिर्च का पेस्ट बनाकर ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड भी तैयार करती हैं। इन महिलाओं ने मिलकर ‘उन्नति जैविक इकाई’ नाम का एक संगठन बनाया है। ये संगठन बायो प्रोडक्ट्स को तैयार करने में इन महिलाओं की मदद करता है। इनके द्वारा बनाए गए बायो फर्टिलाइजर और बायोपेस्टिसाइड की मांग भी लगातार बढ़ रही है। आज, आसपास के गांवों के 6 हजार से ज्यादा किसान इनसे बायो प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं। इससे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी इन महिलाओं की आय बढ़ी है और इनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है।