शार्दुल ने दिखाई हिम्मत, चोट के बाद भी बल्लेबाजी कर टीम को दिलाई खास बढ़त

भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे टेस्ट में अपने दूसरे ओवर में ही चोटिल हुए शार्दुल ठाकुर भले ही अपने पहले मैच में गेंदबाजी नहीं कर सके हों, लेकिन उन्होंने भारत की बल्लेबाजी के दौरान अंतिम विकेट में हिम्मत दिखाई और मैदान में बल्लेबाजी करने उतर गए. वे ग्रोइन की चोट से जूझ रहे हैं. इसके बाद भी वे लंगड़ाते हुए बल्लेबाजी करने आए और रविचंद्रन अश्विन के साथ 28 रनों की अहम साझेदारी कर डाली जिससे टीम इंडिया को पहली में वेस्टइंडीज पर 56 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त मिल गई. 

ठाकुर जब बल्लेबाजी करने आए थे. तब उमेश यादव का विकेट गिरा था और टीम इंडिया का स्कोर 339 रन हो चुका था. दूसरे छोर पर अश्विन को केवल एक साथी की तलाश थी जिससे वे टीम का स्कोर थोड़ा और बढ़ा सकें. उमेश के आउट होने के बाद उम्मीद की जा रही थी की चोटिल शार्दुल शायद ही बल्लेबाजी करने आएं लेकिन शार्दुल सभी को चौंकाते हुए न केवल मैदान पर उतरे बल्कि उन्होंने अश्विन का बखूबी साथ भी दिया. कई बार तो दोनों ने ही दो रन दौड़े. 

शार्दुल का यह पहला ही टेस्ट मैच में है लेकिन दुर्भाग्यवश मैच के पहले दिन ही  वे दस गेंदें फेंकने के बाद चोटिल होकर मैदान से बाहर हो गए थे. वे दूसरे दिन भी गेंदबाजी करने वापस नहीं आ सके थे. 

एनसीए रिहैबिलिटेशन फिर सवालों के घेरे में, शार्दुल लगभग दूसरे टेस्ट से बाहर
जब शार्दुल को मैच के पहले दिन ही मैदान छोड़ना पड़ा तभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम फिर सवालों के घेरे में आ गया  क्योंकि दुबई में एशिया कप के दौरान लगी ग्रोइन की उनकी चोट फिर से उबर गई. वेस्टइंडीज की पारी के चौथे ओवर की चौथी गेंद करने के बाद ठाकुर दर्द से परेशान दिखे और लंगड़ाते हुए चलने लगे, फिजियो पैट्रिक फरहार्ट के मैदान पर पहुंचने के बाद लगा कि उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है. वह कप्तान विराट कोहली और फिजियो से बात करने के बाद मैदान छोड़कर बाहर चले गए.  रविचंद्रन अश्विन ने अंतिम दो गेंद करके यह ओवर पूरा किया.  

बीसीसीआई ने तब अधिकारिक बयान भी दिया था, ‘‘शार्दुल ठाकुर स्कैन कराने गये हैं, वह आज मैदान में नहीं आयेंगे, टेस्ट मैच के बाकी दिनों में उनकी भागीदारी पर अपडेट उनके स्कैन के बाद किया जायेगा जब टीम प्रबंधन उनकी चोट का आकलन कर लेगा.’’ यह दूसरी बार है जब यह 26 वर्षीय खिलाड़ी ने लगातार दो अंतरराष्ट्रीय मैचों में बाहर हुआ है, 18 सितंबर को ठाकुर को इससे पहले एशिया कप में हांगकांग के खिलाफ मैच के बाद कूल्हे और ग्रोइन की चोट के कारण स्वदेश भेज दिया गया था. 

आखिर उन्हें खेलने के मंजूरी मिल कैसे गई
दस दिन बाद 28 सितंबर को वह विजय हजारे ट्राफी में मुंबई की तरफ से खेलने उतरे लेकिन तब उनकी फिटनेस पर सवाल उठने लगे है कि उन्हें एनसीए से खेलने के लिये मंजूरी कैसे मिली. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ग्रोइन चोट फिटनेस संबंधित चोट है, यह मैदान पर लगी चोट नहीं है, मेरा सवाल है कि शार्दुल को ग्रोइन चोट की शिकायत के 10 दिन के भीतर फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे मिल गया और फिर 15 दिन बाद यह चोट फिर से उबर गई. ’’ 

ठाकुर को मोहम्मद शमी की जगह टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया गया था, वे इंग्लैंड दौरे में भी टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला था.

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