बिहार में डेंगू का कहर गहराता जा रहा है। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के वायरोलॉजी लैब में डेंगू के 245 मरीज मिले हैं। इनमें पटना, सीवान, लखीसराय, सारण और औरंगाबाद आदि जिलों के मरीज शामिल हैं। इस बीच पटना में डेंगू से एक डॉक्टर की मौत हो गई है। यह डेंगू से होने वाली इस साल की पहली मौत है।
पटना में डॉक्टर की मौत
पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में एनेस्थेटिस्ट डॉ. विजय कुमार की डेंगू से मौत हो गई। वे हॉस्पिटल में बुधवार से भर्ती थे। वे इसी अस्पताल में एक साल से कार्यरत थे। डॉ. विजय की आठ माह पहले शादी हुई थी।
फोर्ड हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बीबी भारती ने बताया कि तीन दिन पहले फीवर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था । डेंगू के कारण उनके प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगे। हेमोरेजिक शॉक में चले जाने के कारण काफी प्रयास के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
डॉ. विजय के मित्र एवं पटना एम्स में कार्यरत डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि उन्हें जब अस्पताल में भर्ती किया गया था तो प्लेटलेट्स की स्थिति ठीक थी। गुरुवार को प्लेटलेट्स 50,000 पर आ गई। इसके बाद शुक्रवार को 18,000 और फिर 9000 पर आ गई। इसके बाद हेमोरेजिक शॉक हो गया।
एक और डॉक्टर पीडि़त
छपरा के एक डॉक्टर भी डेंगू से पीड़ित हैं। वे पटना के पारस अस्पताल में भर्ती हैं।
पीएमसीएच में मिले 245 मरीज
इस बीच पीएमसीएच के वायरोलॉजी लैब में डेंगू के 245 मरीज मिले हैं। इनमें पटना, सीवान, लखीसराय, सारण और औरंगाबाद आदि के मरीज शामिल हैं। वायरोलॉजी लैब में डेंगू के संदेह में बड़ी संख्या में मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। डेंगू के मरीज पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में भी भर्ती हैं।
मच्छरों से बचाव जरूरी
पीएमसीएच के वरीय फिजिशियन डॉ. बीके चौधरी के मुताबिक इन दिनों बड़ी संख्या में लोग पूजा की छुट्टी में बिहार आ रहे हैं। उनके माध्यम से डेंगू के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है। सिवान के सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र झा ने बताया कि डेंगू के मच्छर दिन के समय में काटते हैं। इसके उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जिससे पूरा तन ढका रहे।
डेंगू के लक्षण
– अचानक बुखार, सरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द के साथ सर्दी और उलटी जैसे लक्षण।
डेंगू की स्थिति में आप डॉक्टर के संपर्क में जरूर रहें। हां, डॉक्टर की सहमति से कुछ घेरलू उपाय भी अपना सकते हैं। आइए देखें…
– गिलोय के तने को उबालकर सेवन करें। साथ में तुलसी के कुछ पत्ते भी मिला लें।
– पपीता के पत्ते प्लेटलेट्स व इम्युनिटी बढ़ाते हैं। इन पत्तों का जूस का सेवन करें।
– दूध के साथ हल्दी मिलाकर लें।