लखनऊ, 1 दिसंबर: नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले बिजली की क्या स्थिति थी, ये किसी से छिपी नहीं है। नेता प्रतिपक्ष कितने भी बड़े दावे करें, उनके समय के पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) की चर्चा शुरू हो गई तो कई लोग मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे। इन्होंने यूपी को आर्थिक रूप से पूरी तरह से कंगाल बनाने की स्थिति बना दी थी। प्रदेश में मार्च 2017 में हमारी सरकार आने के बाद अप्रैल से प्रदेश में विद्युत आपूर्ति बिना भेद भाव के सबको दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील क्षेत्र में 20 घंटे और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
आज पीक आवर में 30,462 मेगावाट की हो रही आपूर्ति
सीएम योगी ने कहा कि हमने वीआईपी कल्चर समाप्त किया है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष को पीड़ा होगी क्योंकि वे इसके आदी रहे हैं। इन्होंने गरीब की पीड़ा नहीं देखी है इसलिए इसकी चिंता भी नहीं रही है। प्रदेश में पिछले साढ़े छह वर्षों 1 लाख 21 हजार मजरों में बिजली पहुंचाई गई। साथ ही 1 करोड़ 56 लाख घरों को फ्री बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार चेहरा, जाति, मत, मजहब देखकर नहीं बल्कि समाज के हर तबके को योजनाओं का लाभ दे रही है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में पीक आवर में बिजली की आपूर्ति बामुश्किल 16 से 17 हजार मेगावाट तक जाती थी। वहीं, आज 30,462 मेगावाट की आपूर्ति पीक आवर में हो रही है। 33/11 केवी के 749 नये सब स्टेशनों की स्थापना हुई है। इसके अलावा 1,528 सब स्टेशन की स्थापना की गई है। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है। प्रदेश में निजी नलकूप वाले किसानों को बिजली के बिल में छूट देने की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में हर सेक्टर में काफी प्रगति हुई है। रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट में निजी निवेश के साथ कार्य हुआ है। आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की बात करें तो ग्रेटर नोएडा में हाइपर स्केल डाटा सेंटर स्थापित हो चुका है। यही नहीं, देश का पहला इनलैंड वाटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच प्रारंभ हो चुका है। सदन को बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यूपी इनलैंड वाटर वे अथारिटी का गठन करने वाले चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां प्रदेश की नदियों का उपयोग वाटर-वे के रूप में करते हुए प्रदेश को एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित किया जा रहा है। साथ यहां के उत्पादों को पूर्वी बंदरगाह तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
2017 से पहले और अब शिक्षण संस्थानों के संचालन में दिख रहा फर्क
सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष को पिछले साढ़े छह वर्षों प्रदेश में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बताते हुए कहा कि 2017 से पहले जहां केवल दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील थे, वहीं आज 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। इसके अलावा 12 पर काम किया जा रहा है। वहीं कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट कार्य करने लगा है जबकि अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि वह शनिवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ अयोध्या के एयरपोर्ट का फाइनल इंस्पेक्शन करने जा रहे हैं, जिसके बाद यहां से भी वायु सेवा प्रारंभ कर दी जाएगी। जेवर में तेजी के साथ इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। प्रयास है कि फरवरी 2024 में पहला रनवे उड़ान के लिए तैयार हो जाए। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की तस्वीर है। एशियन गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने 107 जबकि पैरा एशियन गेम्स में खिलाड़ियों ने 111 मेडल प्राप्त किये हैं। देश की 16 फीसदी आबादी यूपी में रहती है, लेकिन 25 फीसदी मेडल देश के लिए प्रदेश के खिलाड़ियों ने प्राप्त किये हैं। सीएम योगी ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था पर काफी काम कर रही है। इसके साथ ही रिजल्ट पर भी फोकस किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं की स्थिति 2017 से पहले क्या थी। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों, शिक्षकों, इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या थी, सभी ने देखी है। वहीं बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यवसायिक, चिकित्सा शिक्षा में 2017 से पहले और बाद में स्पष्ट अंतर दिखा जा सकता है। 2017 से पहले जैसी दिशाहीन सरकार थी, वैसे ही दिशाहीन शिक्षण संस्थान चल रहे थे।
सपा सरकार में मंत्री के लिए 10 एकड़ तो दूसरों के लिए 100 एकड़ में विवि बनाने का था मानक
सीएम योगी ने कहा कि आज बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल टॉयलेट, स्मार्ट क्लास समेत आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। आज 1 करोड़ 91 लाख बच्चे नंगे पैर स्कूल नहीं जाते। वहीं 2017 से पहले उन्हें जूते, मोजे, स्कूल यूनिफॉर्म और स्वेटर क्यों नहीं मिल पाए थे। पिछली सरकार बच्चों के प्रति कभी भी संवेदनशील नहीं थी। जब इनके सारे हथियार फेल हो जाते हैं तो इनके पास एक ही ब्रह्मास्त्र जाति होता है। वहीं जब जाति की बात आती है तो वह घूम फिरकर परिवार पर आ जाते हैं। वह इससे कभी उबर नहीं पाते हैं। सपा सरकार में नकल विहीन परीक्षा उनकी चिंता का विषय नहीं था। सपा सरकार में एक मंत्री विश्वविद्यालय बने रहे थे, उनके लिए 10 एकड़ का मानक तय किया गया जबकि दूसरे के लिए 100 एकड़ का मानक तय किया, जो यह दर्शाता है कि ये लोग जबरदस्ती सौदेबाजी वाली सरकार चल रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना है। इसी के तहत अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय, सहारनपुर में मां शाकंभरी के नाम पर विवि और आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय निर्माण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में चार विश्वविद्यालयों की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया है। मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी धाम के नाम पर, बलरामपुर में मां पाटेश्वरी के नाम पर, मुरादाबाद और कुशीनगर में भगवान गौतमबुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य आगे बढ़ रहा है। मेरठ में मेजर ध्यान चंद के नाम पर स्पोर्ट्स विवि का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में ललितपुर में फार्मा पार्क, यमुना अथाॅरिटी में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
जगदगुरू रामभद्राचार्य विवि को दी राज्य विवि के रूप में मान्यता
सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे। वह बस ये नहीं बोल सके कि चंद्रयान का गठन भी सैफई में हुआ था। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए गये हैं। मैं अपील करूंगा कि आप सभी सदस्य एक बार वहां जरूर जाइये। वहां बीओसी बोर्ड से रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चे भी हैं। कोरोना कालखंड में जिन बच्चों ने अभिभावक खोया था, वे बच्चे भी हैं। प्रदेश के 18 कमिश्नरी में 18 विद्यालय हैं। इसके बाद हम हर जनपद में इसी आधार पर विद्यालयों का संचालन करना चाहते हैं। आप एक बार जरूर जाएं। वहां के स्टैंडर्ड देखें। वो गरीबों के बच्चे हैं। उन्हें जाति-मजहब में मत बाटें। वो प्रदेश की अमानत हैं। इसी वित्तीय वर्ष में हम 57 जनपदों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों की कार्रवाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के हर विकास खंड पीएम श्री विद्यालय से आच्छादित होने जा रहे हैं। ये शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव है। इसके साथ ही जगदगुरू रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है।