अयोध्या। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र सलिला सरयू नदी में 15 लाख श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था की डुबकी लगाई। सरयू की धारा में डुबकी लगाने के बाद लोगों ने सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करते हुए परिवार के निरोग रहने की कामना की।
ग्रह नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग के कारण इस बार कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व रहा। यही कारण है कि सूर्य की पहली किरण निकलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु इकट्ठे हो गए। कई घाटों पर तो पैर रखने की भी जगह नहीं बची। वैसे तो कार्तिक पूर्णिमा रविवार को दोपहर से ही प्रारंभ हो गई थी। ऐसे में रविवार को भी श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई। रविवार को लगभग 10 लाख लोगों ने सरयू स्नान किया था। दो दिन पूर्णिमा होने के कारण उदया तिथि सोमवार को थी। ऐसे में सोमवार को लगभग 15 लाख श्रद्धालु सरयू नदी के घाटों पर स्नान करने पहुंचे। लोगों ने सरयू घाट पर पूजन भी किया। वैसे तो सरयू स्नान का शुभ मुहूर्त दोपहर 03.36 बजे तक ही माना गया था किन्तु दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु देर शाम तक सरजू नदी में स्नान करते रहे।
सुरक्षा के लिए चप्पे चप्पे पर लगी रही पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन पर जिला प्रशासन ने मेला सुरक्षा के दृष्टिकोण को लेकर मेला क्षेत्र को तीन जोन और 15 सेक्टर में बांटा था। श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए स्नान घाटों पर पुलिस, एसडीआरएफ और बाढ़ राहत के जवान तैनात किए गए। आईजी अयोध्या जोन प्रवीण कुमार ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर घाटों, प्रमुख मंदिरों एवं संवेदनशील स्थानों पर पीएसी, आरएएफ व सिविल पुलिस को लगाया गया।
सरयू स्नान के बाद घरों को लौटने लगे श्रद्धालु
अयोध्या में कल्पवास करने वालों के लिए सोमवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। आज कल्प वास करने वालों का अनुष्ठान पूरा हुआ। परिक्रमा में आए श्रद्धालु स्नान, दर्शन व पूजन के बाद सोमवार को वापसी प्रारंभ हो गई।