लखनऊ। सुब्रत राय या फिर सहारा श्री के नाम से पहचाने जाने वाले मशहूर कारोबारी अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. बीती रात कार्डियारेस्पिरेटरी अरेस्ट के चलते उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली. दरअसल बीते कुछ महीनों से सुब्रत रॉय का इलाज भी चल रहा था. उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में लाया जाएगा. यहां पर आम और खास सुब्रत रॉय के पार्थिव शरीर के दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद अगले दिन यानी गुरुवार 16 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि सुब्रत राय सहारा की पत्नी और उनके बच्चे भारतीय नगारिक नहीं है. इसके पीछे भी खास वजह है.
मुंबई स्थिति एक निजी अस्पताल में सुब्रत रॉय सहारा का बीते कुछ समय से इलाज चल रहा था. बताया जा रहा है कि उन्हें कई गंभीर बीमारियां थीं. जिससे वे जूझ रहे थे. सुब्रत रॉय बीपी और हाइपर टेंशन से भी पीड़ित थे.
क्यों सुब्रत रॉय सहारा की पत्नी और बच्चे नहीं भारतीय नागरिक
दिग्गज कारोबारी सुब्रत रॉय सहारा की पत्नी स्पन्ना रॉय और बेटा सुशांतो रॉय ने यूरोपीय देश के रिपब्लिक ऑफ मैसेडोनिया की नागरिकता ली हुई है. हालांकि सुब्रत रॉय सहारा का कारोबार उनके बेटे और पत्नी ही संभालते हैं. इन लोगों की भारतीय नागरिकता छोड़ने के पीछे बड़ी वजह है. दरअसल सुब्रत रॉय सहारा ने सहारा परिवार की स्थापना की, लेकिन निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर वे कानूनी विवादों में फंसते चले गए. इसके चलते उन्होंने लंबे समय तक जेल भी जान पड़ा.
यही वजह है कि कानूनी पचड़ों से बचने के लिए सुब्रत रॉय सहारा के परिवार वालों ने भारत की नगारिकता ही छोड़ दी और यूरोपीय देश के नागरिक बन गए. हालांकि उनकी नागरिकता को लेकर कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी कभी भी नहीं आई है. मिली जानकारी के मुताबिक सहारा ने मेसेडोनिया में तीन व्यापार खोलने की योजना बनाई थी. इसमें डेरी से लेकर सेवन स्टार होटल और एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना भी शामिल है. यूरोपीय नागरिकता के चलते कंपनी को टैक्स बैनेफिट्स के साथ-साथ कुछ और भी बड़े फायदे होते, ऐसे में सहारा के परिवार वालों ने वहां की सिटीजनशिप ले ली.
कैसे मिलती है मेसेडोनिया की नागरिकता
बता दें कि मेसोडोनिया में नागरिकता लेने के लिए आपको वहां पर एक निश्चित रकम का निवेश करना होता है. यानी अगर आप इस देश की नागरिकता चाहते हैं तो आपको 49 हजार यूरो का निवेश किसी भी काम में करना होगा. सहारा ग्रुप की ओर से भी यहां बड़ा निवेश किया गया. इसके साथ ही सुब्रत रॉय सहारा के मेसेडोनिया से गहरे संबंध भी रहे. उन्हें यहां पर कई बार राजकीय अतिथि के तौर पर भी न्योता दिया गया था.