नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत नारायणपुर दुधेला दियारा के मोजमा बहियार में पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस घटना में खगड़िया जिले के पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए। वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हैं।
पुलिस ने भी एक डकैत को भी मार गिराया है। डकैत दिनेश मुनि गिरोह का है। मुठभेड़ में एक सिपाही को भी गोली लगी है। सिपाही दुर्गेश कुमार को जेएलएनएमसीएच अस्पताल भागलपुर में भर्ती कराया गया। सिपाही की हालत नाजुक बताई जा रही है। शहीद थानाध्यक्ष का शव पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेजा गया है।
घटना की सूचना मिलते ही खगड़िया एसपी मीनू कुमारी और नवगछिया एसपी निधि रानी दलबल के साथ व़हां पर पहुंचे। खगड़िया एसपी ने कहा कि दिनेश मुनि गिरोह से मुठभेड़ में थानाध्यक्ष आशीष सिंह शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए डकैत का शव बरामद कर लिया गया है। मारा गया डकैत नारायणपुर प्रखंड के भवानीपुर ओपी अंतर्गत चौहद्दी गांव का श्रवण यादव था। एक और डकैत के घायल होने की सूचना है। शहीद के शव के साथ पहुंचे परबत्ता थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि डकैत घायलावस्था में फरार हो गया है।
जानकारी के अनुसार भवानीपुर, नारायणपुर और खगड़िया जिले की सीमा पर दुधेला दियारा अंतर्गत मोजमा बहियार में छापेमारी के क्रम में पसराहा पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ हो गई। पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के नेतृत्व में जब पुलिस वहां पहुंची तो डकैत भागने लगे। पुलिस ने भी डकैतों का पीछा किया। इस बीच पुलिस और डकैतों के बीच फायरिंग शुरू हो गई। दोनों ओर से करीब 100 राउंड से ज्यादा गोलियां चली। इसी क्रम में डकैत की एक गोली थानाध्यक्ष आशीष के पेट और एक गोली सिपाही दुर्गेश के जांघ में लगी। गोली लगने से थानाध्यक्ष की तत्काल वहीं मौत हो गई। जबकि सिपाही जख्मी हो गया। पुलिस की भी गोली दो डकैतों को लगी है, जिसमें एक की मौत हो गई है।
भागलपुर डीआजी विकास वैभव और मुंगेर डीआइजी जितेन्द्र मिश्र भी घटना स्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। दोनों जिलों की पुलिस दियारा इलाका में आपरेशन कर रही है। बेगूसराय एसपी अवकाश कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। भागलपुर, नवगछिया, खगड़िया और बेगूसराय पुलिस बहियार में सघन छापेमारी कर रही है। पुलिस वहां कई वाहनों से पहुंची। आगे मार्ग नहीं होने के कारण पुलिस ट्रैक्टर पर सवार होकर बहियार रवाना हो गए हैं।
शहीद दारोगा आशीष कुमार सिंह 2009 बैच के थे। वह सहरसा जिला के सरोजा निवासी थे। घटना की सूचना पाकर शहीद के पिता गोपाल सिंह भागलपुर के लिए प्रस्थान कर गए हैं। मां रुक्मिणी देवी कैंसर के मरीज हैं। दारोगा तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका ननिहाल खगड़िया जिला के चौथम थाना क्षेत्र अंतर्गत लालपुर गांव में है। शहीद का ससुराल मधेपुरा जिला के मुरली चनवा गांव में है। शहीद की पत्नी सरिता देवी, बेटा शौर्य और बेटी आर्या इस घटना के बाद से सदमे में है। घटना के सूचना मिलने पर उनकी पत्नी बेहोश होकर गिर गई, जिससे उनका सर फट गया। उनकी पत्नी अपने बच्चों के साथ सिलीगुड़ी में रहते हैं। घर, ससुराल और ननिहाल में शोक की लहर है। वहीं, आसपास के लोग भी शहीद के घर, ससुराल और ननिहाल पहुंच गए हैं। लोग परिजन को सांत्वना दे रहे हैं।