(शाश्वत तिवारी) : जेसीएम के दौरान दोनों पक्ष भारत और मलेशिया के बीच बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी को साकार करने और आर्थिक एवं रक्षा गतिविधियों को गहरा करने के साथ-साथ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, फिनटेक और सेमीकंडक्टर जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आगे के उपायों पर सहमत हुए।
मलेशिया के विदेश मंत्री डॉ. जाम्ब्री अब्दुल कादिर का चार दिवसीय भारत दौरा बुधवार को संपन्न हुआ। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कादिर ने छठी भारत-मलेशिया संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) की सह-अध्यक्षता की। दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा नई दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. जाम्ब्री अब्दुल कादिर के साथ छठी भारत-मलेशिया संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की। हमारी राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा, शिक्षा, समुद्री सहयोग, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के आपसी सहयोग से संबंधित प्रगति की समीक्षा की।
जयशंकर ने बताया कि दोनों पक्षों ने इंडो-पैसिफिक, आसियान, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी अपने दृष्टिकोण साझा किए। जेसीएम के दौरान भारत के प्रसार भारती और मलेशिया के रेडियो टेलीविजन मलेशिया के बीच प्रसारण में सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा राजनयिकों और अन्य कार्मिकों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग पर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस (एसएसआईएफएस) और इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एंड फॉरेन अफेयर्स (आईडीएफआर) के बीच नोट्स साझा किए गए। मलेशिया के विदेश मंत्री ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री कादिर की यात्रा और जेसीएम के आयोजन ने भारत और मलेशिया के बीच संबंधों को एक नई गति प्रदान की है।