( शाश्वत तिवारी): भारत और भूटान के बीच व्यापार, तकनीक और सीमा पार परिवहन को लेकर कई समझौतों पर सहमति बनी है। पीएम नरेंद्र मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने भारत-भूटान साझेदारी के विस्तार का ‘सकारात्मक मूल्यांकन’ किया, जिसमें सीमा पार व्यापार के बुनियादी ढांचे, व्यापार एवं पारस्परिक निवेश, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा लोगों से लोगों के संपर्क के नए क्षेत्र शामिल हैं। वांगचुक ने 3 नवंबर को गुवाहाटी से अपनी आठ दिवसीय भारत यात्रा शुरू की थी। वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने असम के कोकराझार को भूटान के गेलेफू से जोड़ने वाले प्रस्तावित सीमा पार रेल लिंक के लिए स्थान तय करने के लिहाज से सर्वे को लेकर सहमति जताई है।
दोनों पक्षों के बीच पश्चिम बंगाल के बनारहाट और भूटान के समत्से के बीच रेल संपर्क स्थापित करने के लिए विचार करने पर भी सहमति बनी है। पीएम मोदी ने भूटान की प्राथमिकताओं के आधार पर उसके सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए भारत की ओर से पूर्ण समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है। वांगचुक ने भूटान में जारी सुधारों की प्रक्रिया को लेकर मूल्यवान दृष्टिकोण और अंतर्दृष्टि साझा की और भारत द्वारा भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रदान किए जा रहे अमूल्य समर्थन की सराहना की।
इस दौरान भूटान ने महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सुचारू एवं निर्बाध समापन सुनिश्चित करने के लिए समय पर विकास सहायता उपलब्ध कराने को लेकर भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। भूटान नरेश महाराष्ट्र का भी दौरा करेंगे। उनकी यह यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।