(शाश्वत तिवारी) : दो प्रमुख यूरोपीय देशों की इस आधिकारिक यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का प्रमुख फोकस द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर रहा जिसको लेकर उन्होंने पुर्तगाल और इटली की यात्रा की। 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक पुर्तगाल की यात्रा के दौरान जयशंकर ने पुर्तगाली पीएम एंटोनियो कोस्टा से मुलाकात कर समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा की। पुर्तगाली विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा विदेश मंत्री जोआओ क्राविन्हो के साथ सार्थक चर्चा हुई। द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में प्रगति पर गौर किया। निरंतर राजनीतिक आदान-प्रदान और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के लिए पुर्तगाल के समर्थन की सराहना की। पश्चिम एशिया, यूक्रेन, मध्य एशिया और इंडो-पैसिफिक पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने पुर्तगाल की असेंबली के अध्यक्ष ऑगस्टो सैंटोस सिल्वा से मुलाकात कर दो लोकतंत्रों के निकट सहयोग के महत्व पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने पुर्तगाल में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। 2-3 नवंबर को इटली के दौरे पर रहे जयशंकर ने दोनों पक्षों के बीच गहरी होती साझेदारी पर हुई एक सीनेट चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने यहां इटली के अपने समकक्ष एंतोनिया ताजानी के साथ बैठक की, जिसके बाद दोनों देशों ने श्रमिकों, छात्रों तथा पेशेवरों की निर्बाध आवागमन के लिए आवाजाही व प्रवासन साझेदारी समझौते तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा विदेश मंत्री एंतोनिया ताजानी के साथ एक व्यापक तथा सार्थक बैठक की। हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के बारे में बात की। इस बात पर सहमति व्यक्त की गई कि कृषि-प्रौद्योगिकी, नवाचार, अंतरिक्ष, रक्षा तथा डिजिटल क्षेत्र में संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए। पश्चिम एशिया की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और भारत-प्रशांत परिदृश्य के बारे में विस्तार से बात की। जयशंकर ने रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो से मुलाकात कर नवीनीकृत रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बातचीत की।