सोशल मीडिया पर चल रहे #MeToo कैंपेन के तहत केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर लगे आरोपों के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि एमजे अकबर पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं, ऐसे में इसकी सत्यता की जांच हर हाल में होनी चाहिए. ये सच्चाई सामने आनी चाहिए कि लगाए गए आरोपों में कितनी सत्यता है.एमजे अकबर पर लगे आरोपों के बाद पहली बार बीजेपी के किसी बड़े नेता का इसपर बयान आया है. अमित शाह ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए किसी पर भी आरोप लगाए जा सकते हैं. ऐसे में इसकी सत्यता की जांच जरूरी है.
मालूम हो कि कई महिलाओं ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपने पत्रकारिता की नौकरी के दौरान एमजे अकबर ने कई महिला सहकर्मियों का यौन शोषण किया था. करीब नौ महिला पत्रकार सोशल मीडिया पर एमजे अकबर पर गंभीर आरोप लगा चुकी हैं.
एमजे अकबर पर आरोप लगने के बाद बीजेपी के कुछ नेता उनके पक्ष में बयान दे रहे हैं तो कुछ उनके खिलाफ बोल रहे हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि एमजे अकबर पर लगे आरोप अगर सही हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि यह महिलाओं और एमजे अकबर के बीच का मामला है. इसपर उनका कुछ भी कहना गलत होगा.
उधर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #Metoo कैंपेन के तहत महिलाओं की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए रिटायर्ड जजों की एक कमेटी बनाने की बात कही है. इसी बीच एक विदेशी महिला पत्रकार ने आरोप लगाए हैं कि 2007 में इंटर्नशिप के दौरान एमजे अकबर ने उसका यौन उत्पीड़न किया था.
मेनका गांधी ने मंगलवार को एक समाचार चैनल को यहां बताया, ‘ताकतवर पदों पर बैठे पुरूष अक्सर ऐसा करते हैं. यह बात मीडिया, राजनीति और यहां तक कि कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों पर भी लागू होती है.’ उन्होंने कहा कि अब जब महिलाओं ने इस बारे में बोलना शुरू किया है तो उनके आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे, उनके चरित्र पर उंगलियां उठाएंगे. लेकिन अब जब उन्होंने बोलना शुरू किया है तो हर एक आरोप के बारे में कार्रवाई की जानी चाहिए.’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मंगलवार को पूछा गया था कि क्या उनकी सरकार केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, लेकिन उन्होंने सवाल को टाल दिया था. देश में ‘मी टू’ अभियान तेज हो गया है, मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की आपबीती साझा की है.