डाॅ. लोहिया के विचारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता : नाईक

राज्यपाल ने डाॅ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को डाॅ0 राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर पर राम मनोहर लोहिया पार्क गोमती नगर जाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया तथा उनके चित्र पर माल्यार्पण करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कहा कि डाॅ0 लोहिया एक प्रसिद्ध समाजवादी विचारक, लेखक, भाषाकार, अर्थशास्त्री एवं मौलिक चिन्तन करने वाले दार्शनिक थे। डाॅ0 लोहिया काॅल माक्र्स के विचारों को अधूरा मानते थे, सोवियत संघ रूस के बिखराव के बाद उनकी बात सही साबित हुई। उन्होंने कहा कि डाॅ0 लोहिया ने जो विचार रखे थे, उनको आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
श्री नाईक ने कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया भगवान राम को आदर्श मानते थे। चित्रकूट में रामायण मेला का शुभारम्भ करने की कल्पना डाॅ0 लोहिया द्वारा की गयी थी। भारतीय संस्कृति के प्रति उनका लगाव था। समाज में काम करते हुये सबको जोड़ना, विचारों को व्यवहार में उतारना तथा वैचारिक शुद्धता उनकी विशेषता थी। उन्होंने कहा कि डाॅ0 लोहिया सच्चे अर्थों में एक जननेता थे।
राज्यपाल ने कहा कि भारत आजाद हो इस नाते डाॅ0 राम मनोहर लोहिया स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी काम करते थे। डाॅ0 राम मनोहर लोहिया में समर्पित कार्यकर्ता एवं कुशल नेता के गुण थे। डाॅ0 लोहिया ने विरोध स्वरूप लंदन में पढ़ाई न करके जर्मनी में पढ़ने का निर्णय लिया। डाॅ0 लोहिया के मन में विदेशी शासन का कितना विरोध था उनका निर्णय इस बात का परिचायक था।

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