नई दिल्ली। इस वर्ष 23 नवंबर देव उठान एकादशी से शादियों का सीजन शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगा। दिल्ली सहित देशभर के व्यापारी शादियों के सीजन में बड़ी बिक्री की तैयारी में जुट गए हैं। इस सीजन में लगभग 35 लाख शादियां संपन्न होने की संभावना है, जिससे 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेंडर्स (कैट) ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि इस वर्ष 23 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच चलने वाले शादी के सीजन में करीब 35 लाख शादियां संपन्न होने का अनुमान है। कैट के मुताबिक शादी से संबंधित सामानों की खरीद से इस दौरान 4.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च होने की संभावना है। पिछले साल इसी अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुईं और खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने हाल ही देश के 20 प्रमुख शहरों के व्यापारियों एवं सर्विस प्रोवाइडर के बीच किए गए एक सर्वे में अकेले दिल्ली में इस सीजन में 3.5 लाख से अधिक शादियां होने का अनुमान लगाया है, जिससे दिल्ली में करीब एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है। पिछले साल इसी अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुईं और खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।
खंडेलवाल ने बताया कि इस शादी सीजन में करीब 6 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आएगा, जबकि करीब 10 लाख शादियों में प्रति शादी करीब 6 लाख रुपये, 12 लाख शादियों में प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च होंगे। 6 लाख शादियों में प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं, 50 हजार शादियों में प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि 50 हजार शादियां ऐसी होंगी, जिनमें एक करोड़ या उससे ज्यादा पैसे खर्च होंगे। इस तरह कुल मिलाकर इस एक महीने तक चलने वाले शादी के सीजन में बाजारों में शादी के समानों की खरीदारी से करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह होगा।
कारोबारी संगठन कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य दुर्गेश तारे के अनुसार नक्षत्रों की गणना के मुताबिक नवंबर महीने में विवाह की तिथियां 23, 24, 27, 28, 29 हैं, जबकि दिसंबर महीने में 3, 4,7, 8, 9 और 15 तारीखें विवाह के लिए शुभ दिन हैं। उसके बाद तारा एक महीने के लिए मध्य जनवरी तक डूब जाता है। शादी के सीजन का अगला चरण जनवरी के मध्य से शुरू होगा और जुलाई तक जारी रहेगा।