लखनऊ : राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर पर सपा संरक्षक मुलयाम सिंह यादव अपने छोटे भाई शिवपाल के साथ नजर आए। लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट में शिवपाल और मुलायम एक साथ पहुंचे। समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद यह पहला मौका था जब दोनों नेता एक साथ मंच साझा करते दिखे। दोनों ने लोहिया की मूर्ति पर माला पहनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हालांकि इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने मीडिया से कोई बात नहीं की, लेकिन अपने बयान से सियासी गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि गलत काम का विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भाई भी अपने छोटे भाई के साथ अन्याय करे तो उसका विरोध करो। उन्होंने कहा कि यह लोहिया जी की विचारधारा थी और मैं भी इससे सहमत हूं। उन्होंने कहा कि अन्याय कहीं भी हो, परिवार में हो, गांव में हो, शहर में हो, विरोध करना चाहिये। लोहिया जी ने भी हमेशा न्याय का साथ दिया और हर जगह पर अन्याय का विरोध किया। नौजवानों को अन्याय का विरोध होना चाहिए। न्याय का साथ दिया जाना चाहिए।
वहीं मुलायम की मौजूदगी में लोहिया ट्रस्ट में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवपाल ने एक बार फिर दोहराया कि नेता जी (मुलायम) का आशीर्वाद उनके साथ है और आगे भी बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भरोसा है कि नेता जी उनको आशीर्वाद देते रहेंगे। शिवपाल यादव यह लगातार कहते रहे हैं कि उन्होंने मुलायम के कहने पर ही सेक्युलर मोर्चा का गठन किया है। उन्होंने मुलायम को सेक्युलर मोर्चा का अध्यक्ष और मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर भी दिया है। मुलायम के इस नये दांव से राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर तेज हो गयी। इससे पहले अखिलेश यादव के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंच साझा कर उन्होंने संकेत दिया था कि वे बेटे के साथ हैं, लेकिन शुक्रवार को भाई शिवपाल के साथ आकर उन्होंने नई अटकलों को जन्म दे दिया है।