गुरुग्राम के चर्चित प्रद्युम्न मर्डर केस में 16 साल के आरोपी को बालिग मानकर केस चलाया जाए या नहीं इस पर सेशन कोर्ट सोमवार को फैसला सुना सकता है. सेशन कोर्ट के जज जसबीर सिंह कुंडु ने पिछले सप्ताह सीबीआई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया था. खबर के मुताबिक आरोपी नाबालिग के परिवार ने जुविनाइल जस्टिस बोर्ड पर आरोप लगाया था कि सीबीआई की जांच पूरी हुए बिना ही उसने 16 साल के किशोर पर बालिग की तरह केस चलाने की अनुमति दे दी.
बता दें कि इस मामले में पिछले साल 20 दिसंबर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला दिया था कि आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जाएगा. यानी यदि आरोपी छात्र दोषी पाया जाता है तो उसे बालिग आरोपियों की तरह ही सजा मिलेगी. इसके साथ ही जेजे बोर्ड ने मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया.
सत्र न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर से शुरू हुई थी. बता दें कि निर्भया कांड के बाद देश में एक नया कानून लाया गया जिसमें तय किया गया कि किसी नाबालिग अपराधी द्वारा किए गए अपराध को देखते हुए उसे बालिग की तरह ट्रीट किया जा सकता है.
क्या है मामला?
पिछले साल 8 दिसंबर को गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल के बाथरूम में कक्षा दूसरी के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. गुरुग्राम पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल के कंडक्टर को हत्या का आरोपी बनाया और उसे गिरफ्तार कर लिया. प्रद्युम्न ठाकुर का परिवार गुरुग्राम पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हुआ.
उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की. काफी दबाव के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई जांच में सामने आया कि बच्चे की हत्या स्कूल में ही पढ़ने वाले कक्षा 11वीं के छात्र ने की थी. जांच में सामने आया कि छात्र ने परीक्षा पोस्टपोन कराने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की थी.