( शाश्वत तिवारी) : विदेश मंत्रालय और UNCITRAL द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 2023 UNCITRAL दक्षिण एशिया सम्मेलन का उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), डॉ. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में किया गया। इस दौरान विदेश राज्य मंत्री, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, भारत के विद्वान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, UNCITRAL की सचिव अन्ना जौबिन-ब्रेट और प्रसिद्ध न्यायविद्, वरिष्ठ अधिवक्ता और UNCCI के अध्यक्ष फली एस नरीमन उपस्थित रहे। इसका उद्देश्य UNCITRAL के साथ भारत की भागीदारी को आगे बढ़ाना और UNCITRAL, न्यायपालिका, नौकरशाही, शिक्षा और कानूनी बिरादरी के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करना है।
अपने उद्घाटन भाषण में सीजेआई डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने 2016 में पिछले सम्मेलन में अपनी भागीदारी का उल्लेख किया, जहां उन्होंने आईएसडीएस सुधारों के बारे में बात की। साथ ही ISDS सुधारों, भारत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका, अंतर्राष्ट्रीय निवेश कानून जैसे ख़ास मुद्दों पर बात की।
वहीँ विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने उल्लेख किया कि भारत UNCITRAL के साथ एक अद्वितीय संबंध साझा करता है और इसकी स्थापना के बाद से पहले 29 सदस्य देशों में से एक होने के नाते UNCITRAL का सदस्य रहा है। उन्होंने क्षेत्र की विविधता और दक्षिण एशियाई क्षेत्र द्वारा की गई आर्थिक प्रगति का भी उल्लेख किया।
UNCITRAL की सचिव अन्ना जौबिन-ब्रेट ने UNCITRAL द्वारा अपने कार्य समूहों के माध्यम से शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं और विषयों और उनकी स्थिति का अवलोकन दिया। प्रसिद्ध न्यायविद् और यूएनसीसीआई के अध्यक्ष, फली एस नरीमन ने उद्घाटन सत्र का समापन किया, जहां उन्होंने मध्यस्थ पूर्वाग्रह पर बहस सहित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रणाली के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बात की, उन्होंने मध्यस्थता की एक संतुलित और निष्पक्ष प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।