कहा, भाजपा के ताबूत की आखिरी कील साबित होगा गुजरात से पलायन का मुद्दा
लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मसूद अहमद ने बुधवार को यहां कहा कि गुजरात से यूपी और बिहार के लोग पलायन कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर मौन धारण किए हुए हैं। डॉ. अहमद ने कहा कि विगत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना और मुजफ्फर नगर जिले में पलायन का झूठा आरोप लगाने वाली भाजपा का असली चेहरा देश के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली भाजपा सरकार के क्रियाकलापों की वजह से गुजरात से यूपी और बिहार के लोगों को मारपीट कर भगाया जा रहा है। डॉ. अहमद ने कहा कि मुजफ्फरनगर और कैराना के लोग अपनी रोजी रोटी के लिए अन्य शहरों अथवा अन्य प्रदेशों में गये थे और उनके भगाये जाने का प्रमाण सूबे के इतिहास में कभी नहीं मिला है। आज यूपी और बिहार के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार करने वाली गुुजरात सरकार पर प्रधानमंत्री कोई भी कार्यवाही करने से बचते हुये मौन व्रत धारण किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री में सबके साथ सबके विकास की भावना का कुछ अंश भी है तो गुजरात के मुख्यमंत्री को तुरंत बर्खास्त करें।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात से यूपी और बिहार के लोगों के पलायन करने के पीछे भाजपा की गलत मंशा है। भाजपा चाहती है कि देश की जनता केन्द्र सरकार की वास्तविक नाकामी से पैदा हुये असंतोषजनक वातावरण को भूलकर लोकसभा चुनाव से पहले केवल इसी घटना की चर्चा में व्यस्त हो जाएं, क्योंकि अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में केन्द्र सरकार ने न ही किसानों का कोई भला किया और न ही नौजवानों तथा बेरोजगारों का। एक वर्ष पहले प्रधानमंत्री के नोटबंदी करने के तुगलकी फैसले से लाखों लोगो का रोजगार छिन गया था। वर्तमान में हजारों लोग जो रोजी रोटी की तलाश में गुजरात में रह रहे थे उन्हें बेरोजगार करके मारपीट कर भगाया जा रहा है।
डॉ. अहमद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने घोषणा पत्र की एक पंक्ति को भी पूरा नहीं कर सकी है,बल्कि समय-समय पर देश में ऐसे मुददे् पैदा करती रही है कि आम जनता घोषणा पत्र को भूल जाये। देश में बढ़ती हुयी महंगाई, पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतें, फ्रान्स से की गयी राफेल डील, मन्दिर और मस्जिद की भावना भड़काना, शमसान-कब्रिस्तान के माध्यम से दोनों सम्प्रदाय के शवगृहों का बंटवारा कराना भाजपा की स्वार्थपरता के साथ दूषित मानसिकता का परिचायक है। इसलिए गुजरात से पलायन का मुद्दा आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के ताबूत की आखिरी कील साबित होगा।