(शाश्वत तिवारी) : विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर जांजीबार गए हुए हैं। जांजीबार में विदेश मंत्री आईएनएस त्रिशूल पर आयोजित हुए डेक रिसेप्शन में शामिल हुए। इस दौरान जांजीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली विनी भी शामिल हुए। बता दें कि आईएनएस त्रिशूल मिसाइलों से लैस युद्धक जहाज है और वह इन दिनों जांजीबार के दौरे पर है। जांजीबार में भारत के मशहूर प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मद्रास का कैम्पस भी खोला जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। विदेश मंत्री ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह परिसर भारत और तंजानिया के बीच दीर्घकालिक मित्रता को प्रतिबिंबित करता है और भारत द्वारा अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में लोगों के बीच संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाता है।
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक यह अनूठी साझेदारी आईआईटीएम की शीर्ष क्रम की शैक्षिक विशेषज्ञता को अफ्रीका में एक प्रमुख गंतव्य तक पहुंचाएगी और क्षेत्र की मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी। शैक्षणिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, छात्र चयन पहलू और शैक्षणिक विवरण आईआईटी मद्रास द्वारा होंगे, जबकि पूंजी और परिचालन व्यय ज़ांज़ीबार-तंजानिया सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस परिसर में नामांकित छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री प्रदान की जाएगी।
विदेश मंत्री जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर जांजीबार बुधवार को पहुंचे। जांजीबार में विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति विनी के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जांजीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली विनी से मिलकर खुशी हुई। वह भारत-जांजीबार की साझेदारी को मजबूत करने के प्रति समर्पित हैं। राष्ट्रपति विनी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर एक डेक रिसेप्शन में शिरकत की। इस दौरान जांजीबार के सभापति, मंत्री और भारतीय मूल के लोग भी मौजूद रहे। जांजीबार में आईएनएस त्रिशूल की मौजूदगी भारत के सागर समर्पण का सबूत है।