नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रोहिणी सेक्टर 7 के आवासीय इलाके में 200 से ऊपर कार वर्कशॉप को बंद करने के आदेश दिए हैं. यह सभी कार वर्कशॉप अवैध रूप से इलाके में चल रही थीं जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोग भारी प्रदूषण से परेशान थे. इस पूरे मामले में एमसीडी, दिल्ली पुलिस और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर भी एनजीटी ने फटकार लगाई है और तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.यह याचिका वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से रोहिणी के ही रहने वाले एन.एस यादव की तरफ से लगाई गई है. इस मामले में एनजीटी ने एक महीने के भीतर दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने के आदेश दिए हैं. अपनी रिपोर्ट में चीफ सेक्रेट्री को यह बताना होगा कि अवैध रूप से चल रही कार की डेंटिंग- पेंटिंग की तमाम दुकानों को बंद करा दिया गया है.
दरअसल इस पूरे मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने इसकी पूरी जिम्मेदारी एमसीडी पर डाल दी और एमसीडी ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मत्थे मढ़ दिया. इसीलिए इस पूरे मामले में एनजीटी ने चीफ सेक्रेट्री से रिपोर्ट मांगी है.
पिछले कुछ सालों में रोहिणी सेक्टर- 7 के ई-ब्लॉक के चौधरी ब्रह्म प्रकाश रोड पर एक के बाद एक अवैध रूप से कारों का डेंटिंग- पेंटिंग करने से लेकर रिपेयरिंग तक के काम करने की दुकानें धड़ल्ले से खुल रही थीं. एनजीटी ने इस बात पर हैरानी जताई कि दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी), दिल्ली पुलिस और एमसीडी किसी ने भी इस इलाके और लोगों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसी के चलते इलाके की डीपीसीसी, दिल्ली पुलिस और एमसीडी के अधिकारी की तनख्वाह से 50- 50 हजार रुपये बतौर जुर्माने काटने के लिए एनजीटी ने आदेश दिए हैं. 3 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.