देश की एक पार्लमेंट्री कमेटी की ओर से देश की भी बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियों के प्रबंधन से पूछा गया है कि उन्होने देश में लगेज चार्ज में अत्यधिक वृद्धि क्यों की. वहीं कमेटी ने सभी निजी घरेलू विमानन कंपनियों से दुनिया की अन्य कंपनियों की तुलना में अपने शुल्क की तुलना पर एक रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है.संसदीय समिति ने बैगेज चार्ज बढ़ोन पर उठाए सवाल
हाल ही में ट्रांस्पोर्ट, पर्यटन एवं संस्कृति के विषयों पर बनी पार्लमेंट्री स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में निजी विमानन कंपनियों की ओर से बैगेज चार्ज में भारी वृद्धि का मुद्दा उठाया गया. वहीं इस मौके पर सरकार को बैगेज चार्ज की एक पॉलिसी बनाने का भी सुझाव दिया गया. वहीं इस बात पर भी जोर दिया गया कि विमानन कंपनियों को कितना सामान ले जाने पर शुल्क लगेगा यह निर्धारित करने का अधिकार नहीं दिया जाए.
सिर्फ 15 किलो तक सामान ले जाने की अनुमति देनी हैं निजी कंपनियां
सभी निजी एयरलाइंस कंपनियां घरेलू उड़ान के दौरान सिर्फ 15 किलो तक का सामान बिना किसी शुल्क के ले जाने की अनुमति देती हैं. वहीं सरकारी एयरलांस कंपनी एयर इंडिया यात्रियों को 25 किलो तक सामान बिना शुल्क के ले जाने की अनुमति देती है.
सभी निजी विमानन कंपनियों से शुल्क बढ़ाने पर स्पष्टिकरण देने को कहा गया
संसदीय समिति की ओर से निजी विमानन कंपनियों इंडिगो, जेट एयरवेज, स्पाइस जेट, एयर एशिया और विस्तारा को हाल ही में बैगेज चार्ज बढ़ाने और डायनमिक फेयर पर स्पष्टिकरण देने को कहा है. हाल ही में कुछ निजी विमानन कंपनियों ने लगभग बैगेज चार्ज में 33 फीसदी तक की वृद्धि की है.