देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को पुराने तरीके से सरकार द्वारा तय किया जाए

। देश में पिछले कई दिनों से  लगातार बढ़ रही पेट्रोल- डीज़ल  की कीमतों के बीच कई संगठनों ने यह मांग उठाई थी कि देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को पुराने तरीके से सरकार द्वारा तय किया जाए। लेकिन अब देश के वित्त मंत्री अरुण जटेली ने इस मांग को मानने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को पुराने तरीके से सरकार द्वारा तय किया जाएदरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले की जानकारी हाल ही में अपनी फेसबुक वाल पर एक पोस्ट कर के साझा की है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मै ये बात सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि सरकार तेल की  कीमतों को वापस सरकारी नियंत्रण में नहीं लाएगी। इसके साथ ही  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में एक अन्य कार्यक्रम में पेट्रोल डीज़ल और अन्य महंगी वस्तुओं से टैक्स  हटाने के सवाल को लेकर भी कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकती जिससे देश के राजकीय स्थिति को नुकसान  हो। 

आपको बता दें कि पहले देश में पेट्र्रोल और डीज़ल की कीमतें सरकार ही निर्धारित करती थी लेकिन साल 2010 में सरकार ने पेट्रोल कीमतों को अपने नियंत्रण से मुक्‍त कर दिया था। इसके बाद साल 2014 में डीज़ल को भी इसके दायरें में लाया गया। इसके बाद सरकार ने इनकी  कीमतें रोजाना तय किये जाने की व्‍यवस्‍था लागू कर दी गई। 

 

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