26 सितंबर को मोगा के चैंबर रोड पर हुए बम ब्लास्ट की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। यह बम ब्लास्ट घरेलू रंजिश का कारण था। मामले को सुलझाने के बाद फिरोजपुर जोन के आइजी मुखविंदर सिंह छीना ने एसएसपी कार्यालय मोगा में पत्रकारों को यह जानकारी दी।आइजी ने कहा कि पार्सल पर संगरूर निवासी भूपेश राजोआणा का नाम पता लिखा था। उससे गंभीरता से पूछताछ करने पर पता चला कि मोगा में पार्सल देने आया सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ व्यक्ति भूपेश राजोआणा का रिश्तेदार चाचा है। पार्सल देने वाला आरोपित राजवीर सिंह राउउकेला ओडिशा का रहने वाला है।
आरोपित का पिता भूपेश राजोआणा के दादा का सगा भाई था। पिता को जमीन में हिस्सा न मिलने पर राजवीर का पिता परिवार समेत ओडिशा में रहने लगा था। कुछ साल पहले राजवीर के माता-पिता की मौत हो गई तो पिता के हिस्से की प्रॉपर्टी लेने के लिए एक साल पहले राजवीर सिंह ओडिशा से संगरूर भूपेश के पास आया।
जब राजवीर ने भूपेश से प्रॉपर्टी में हिस्से की बात कही तो भूपेश और उसके परिवार ने राजवीर को बुरा-भला कहा। इसके चलते आरोपित ने भूपेश व उसके परिवार से रंजिश पाल ली। इसी रंजिश के चलते आरोपित ने इंटरनेट से जानकारी हासिल कर लो-इंटेंसी बम तैयार किया और मोगा से भूपेश के पते पर पार्सल करवा दिया। मगर, भूपेश की किस्मत अच्छी थी कि उसके पास पार्सल पहुंचने से पहले ही बम मोगा में ब्लास्ट हो गया।
पुलिस के अनुसार आरोपित 26 सितंबर को मोगा में पार्सल देने के बाद ओडिशा लौट गया। आरोपित ने वहां जाकर पहचान छिपाने के लिए सिर पर विग लगा ली, क्योंकि बम ब्लास्ट के बाद मोगा में सीसीटीवी में कैद हुए आरोपित के सिर पर बाल नहीं थे।
मोगा पुलिस की सूचना पर जब ओडिशा पुलिस ने आरोपित को राउंडअप किया तो मामूली पूछताछ के बाद ओडिशा पुलिस ने मोगा पुलिस को कह दिया कि आरोपित का बम ब्लास्ट से कोई लेना-देना नहीं है। मगर, मोगा पुलिस ने ओडशा पुलिस के साथ संपर्क कर कहा कि आरोपित के सिर पर इतनी जल्दी बाल आना संभव नहीं है।
इस पर जब आरोपित के बाल खींचे गए तो उसने विग उतार दी, जिससे साफ हो गया कि मोगा बम ब्लास्ट के दौरान सीसीटीवी में कैद हुआ आरोपित राजवीर ही है। इसके बाद सख्ती से पूछताछ करने पर ओडिशा पुलिस के सामने आरोपित ने सच्चाई बयां कर दी। इसके बाद ओडिशा पुलिस की सूचना पर मोगा से डीएसपी (डी) हरिंदर सिंह डोड की अध्यक्षता में एक टीम ओडिशा गई और तीन अक्टूबर को उसे मोगा ले आई। यहां पर उसे गत दिवस अदालत में पेश कर उसका पांच दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया।
सीसीटीवी फुटेज से हुई आरोपित की पहचान
बम ब्लास्ट के बाद पुलिस ने चैंबर रोड से लेकर बस स्टैंड तक की सीसीटीवी फुटेज निकलवाई तो उसमें पार्सल देने आए व्यक्ति की फोटो कैद हो गई। जिसकी पहचान पुलिस ने सूद कोरियर सर्विस के मालिक एवं ब्लास्ट के दौरान घायल हुए विकास सूद से करवाई। इसके बाद मोगा पुलिस ने पार्सल पर लिखा शाहकोट का पता जहां से पार्सल आया था, को चेक करवाया तो शाहकोट का पता फेक निकला, जबकि पार्सल डिलीवर करने वाला संगरूर निवासी भूपेश राजोआणा का पता सही निकला।
इस पर संगरूर पुलिस ने भूपेश को हिरासत में लेकर मोगा पुलिस को सौंप दिया। मोगा पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज रूपेश राजोआणा व उसकी पत्नी रोनिका को दिखाई, तो रोनिका ने सीसीटीवी में कैद हुए व्यक्ति को तुरंत पहचान लिया। इस कड़ी के जरिए मोगा पुलिस ने स्टेट इंटेलीजेंस की सहायता से राजवीर को ओडिशा में गिरफ्तार करवाया।
जालंधर में तैयार किया था बम
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपित राजवीर ने मोहम्मद अब्दुला बारी के नाम से जाली आधार कार्ड बनाया था। उक्त जाली पहचान पत्र के आधार पर आरोपित ने जालंधर शहर में मॉडर्न लॉज में 20 सितंबर को 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमरा लिया था। 20 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक आरोपित मार्डन लॉज में रहा और वहीं पर आरोपित ने इंटरनेट से जानकारी हासिल कर पटाखों में प्रयोग होने वाला बारूद, स्क्रैप व डेटोनेटर से लो इंटेसी बम तैयार कर लिया।
पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने आरोपित की गिरफ्तारी के बाद मॉडर्न लॉज के उस कमरे में चेकिंग की तो पुलिस को बम में इस्तेमाल किया गया केमिकल, पुराना स्क्रैप और कुछ कैमरे बरामद हुए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित बीए पास है और फोटोग्राफी की अच्छी जानकारी रखता है।