इस साल जून में सोची में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की अनौपचारिक बैठक, फिर चीन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में द्विपक्षीय चर्चा और अब इन दोनों की अगुवाई में सालाना बैठक। इस बीच पिछले तीन हफ्तों के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ दो द्विपक्षीय मुलाकात हो चुकी हैं।दोनों देशों के बीच सहयोग समझौते को आयाम देने वाले आयोग की बैठक भी सितंबर में हुई है। इन सभी बैठकों की तैयारियों के बाद मोदी और पुतिन शिखर बैठक में अगले एक दशक का रक्षा से लेकर विज्ञान तक और कृषि से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का एजेंडा तैयार करने की कोशिश करेंगे।
एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 पर पर भारत अडिग
दोनो देशों की तरफ से इस बात के संकेत दिए जा रहे हैं कि रक्षा सहयोग इस बार एजेंडे में काफी महत्वपूर्ण होगा। माना जा रहा है कि मोदी और पुतिन के बीच रूस से एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने को लेकर अंतिम समझौता हो जाएगा। भारत पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि यह मिसाइल प्रणाली उसकी सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उसे हासिल करने का उसका इरादा पक्का है।
रूस पर अमेरिका की तरफ से लगे प्रतिबंधों के बावजूद भारत इस सौदे को लेकर अडिग है। पिछले महीने अमेरिका के साथ ”टू प्लस टू” वार्ता में भारत ने अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट कर दिया था कि यह प्रणाली खरीदने में वह ज्यादा देरी नहीं कर सकता, लेकिन इसके अलावा भी रूस से दो श्रेणी के हेलीकॉप्टरों को खरीदने की बात अंतिम चरण में है। इसमें कामोव 226टी हेलीकॉप्टर और एमआई-17वी-5 हेलीकॉप्टर है।
भारतीय सेना दोनों का अध्ययन काफी पहले कर चुकी है और इसे अपनी जरुरत के मुताबिक मुफीद बता चुकी है। अगर सारे समझौते हो जाते हैं तो भारतीय रक्षा क्षेत्र में रूस की धमक और बढ़ जाएगी। भारत अभी भी अपनी कुल रक्षा जरूरत का 60 फीसद रूस से लेता है, जबकि दूसरी तरफ अमेरिका व भारत के बीच सैन्य संबंधी तेजी से बढ़ रहे हैं।
पाकिस्तान को सैन्य सहयोग पर जताई चिंता
सूत्रों के मुताबिक पिछले पांच शीर्ष सालाना बैठकों में आतंकवाद एक अहम मुद्दा रहा है। मोदी की तरफ से रूस की तरफ से पाकिस्तान को दिए जाने वाले सैन्य सहयोग का मुद्दा उठाया जाएगा। जून, 2017 में भी मोदी ने यह मुद्दा उठाया था जिस पर पुतिन ने भारत को बेहद गंभीर आश्वासन दिया था कि पाकिस्तान के साथ उनका सैन्य सहयोग बेहद शुरुआती है जिसको लेकर कोई चिंता नहीं की जानी चाहिए।
यह बात सही है लेकिन यह भी तथ्य है कि हाल ही में रूस और पाकिस्तान के बीच कुछ दूसरे सैन्य समझौते भी हुए हैं। वैसे रूस पाक में छिपे आतंकी हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर भारत का पूरा समर्थन करता है। माना जा रहा है कि मोदी और पुतिन के बीच मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगाने को लेकर चर्चा होगी। भारत नए सिरे से इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य देशों की मदद मांग रहा है।
परमाणु ऊर्जा सहयोग पर बना रोडमैप
सूत्रो के मुताबिक भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग को दूसरे लेवल पर ले जाने का रोडमैप बन चुका है जिसे मोदी व पुतिन की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। कुदानकुलन में रूस के सहयोग से परमाणु ऊर्जा के छह यूनिट लगाने के बाद अब दोनों देशों के बीच एक नई जगह पर प्लांट लगाने की सहमति बनी है। इस नए प्लांट की खासियत यह होगी कि इसमें तकनीकी तो रूस की होगी लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाले तमाम उपकरण व कल-पुर्जे भारत में निर्मित होंगे ताकि घरेलू परमाणु ऊर्जा उद्योग को प्रोत्साहन मिल सके। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की तरफ से रूस में तेल ब्लाक खरीदने का मसौदा भी है जिस पर बातचीत होगी।
पुतिन का कार्यक्रम
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के दौरे पर आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे। उनका विमान शाम 6:40 पर पालम हवाई अड्डे पर उतरेगा। दिल्ली पहुंचने के बाद सबसे पहले पुतिन शाम 7:30 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगे। ये मुलाक़ात पीएम मोदी के निवास स्थान 7 लोककल्याण मार्ग पर होगी। आज रूस राष्ट्रपति का केवल प्रधानमन्त्री मोदी से मुलाकात का कार्यक्रम है। कल दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह 11 बजे एक बार फिर पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों देशो के बीच द्विपक्षीय स्तर की वार्ता और समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। इस मौके पर मोदी और पुतिन संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित भी करेंगे। दोपहर 2:30 बजे रूसी राष्ट्रपति बच्चो के एक ग्रुप से मुलाकात करेंगे। शाम 3:30 बजे रूसी राष्ट्रपति इंडिया-रूस बिजनेस समिट को संबोधित करेंगे। भारत की यात्रा के आखिरी आधिकारिक कार्यक्रम में पुतिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात करेंगे। शाम 5:40 बजे पुतिन रूस के लिए रवाना हो जाएंगे।