कंजर्वेटिव उम्मीदवार शॉन बैले ने 2005 में सेंटर फॉर पालिसी स्टडी के लिए एक पैम्फ्लेट तैयार किया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के सांस्कृतिक परिदृश्य में हिंदू और मुस्लिम प्रभाव पर हमला बोला था. दो साल बाद होने वाले लंदन में महापौर चुनावों में सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार शॉन बेले अपने एक बयान के कारण आलोचनओं में घिर गए हैं. दरअसल उन्होंने 13 साल पहले हिंदू और मुस्लिम त्योहारों के बारे में ये बयान दिया था. उनका यही बयान अब विवाद का विषय बन गया है. लंदन के महापौर सादिक खान के खिलाफ कंजर्वेटिव उम्मीदवार शॉन बैले ने 2005 में सेंटर फॉर पालिसी स्टडी के लिए एक पैम्फ्लेट तैयार किया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के सांस्कृतिक परिदृश्य में हिंदू और मुस्लिम प्रभाव पर हमला बोला था.
‘नो मैन्स लैंड’ नामक इस पैम्फ्लेट में उन्होंने लिखा था, ‘आप अपने बच्चों को लेकर स्कूल आयें और वे क्रिसमस के बजाए दिवाली के बारे में बहुत कुछ सीखेंगे. मैं देख रहा हूं कि स्कूलों में बच्चों की छुट्टी मुस्लिम और हिंदू त्योहारों के आधार पर होती है. क्या यह ब्रिटिश समुदाय को उसकी जड़ों से काटने की कोशिश है?’
ब्रिटेन में सभी धर्म और समुदाय के लोगों के आकर रहने को लेकर भी उन्होंने अपने उस लेख में निशाना साधा था. 2005 में लिखे अपने लेख में उन्होंने कहा, ‘एक स्थान के तौर पर ब्रिटेन में बहुत सी अच्छी बातें हैं और ब्रिटिश लोगों में भी बहुत कुछ सराहनीय है. अगर ब्रिटिश लोग जिस धर्म में यकीन करते हैं उसे ही खत्म किया जाने लगे, अगर हमारे मूल्यों को ही हमसे दूर किया जाने लगे तो क्या होगा?’उन्होंने कहा था, ‘अगर हम दूसरे धर्म और संस्कृति के लोगों को ब्रिटेन में रहने और अपनी मान्यताओं के प्रसार की अनुमति दे देंगे तो इसके कुछ गंभीर परिणाम हो सकते हैं. वह अपनी संस्कृति और धर्म के साथ कुछ ऐसी परेशानी भी लेकर आएंगे जो कि उनके समुदाय की है.’