कोच्चि : केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को रोमन कैथोलिक बिशप फ्रैंको मुलक्कल की जमानत याचिका खारिज कर दी. उन्हें एक नन के साथ बार-बार बलात्कार करने और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपी समाज में काफी रसूखदार है, ऐसे में वह मामले के गवाहों को प्रभावित कर सकता है. न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने अभियोजन पक्ष की दलील स्वीकार करते हुये आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी मामले में जांच प्रगति पर है. अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलील पर गौर किया कि मामले की जांच महत्वपूर्ण पड़ाव पर है और मामले के सिलसिले में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अन्य ननों का बयान दर्ज किया जाना है.
मजिस्ट्रेट अदालत ने खारिज की थी बिशप की याचिका
पाला स्थित एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज कर दिये जाने के बाद बिशप ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. वह इस समय कोट्टायम जिले के पाला उप कारा में न्यायिक हिरासत में है. कोट्टायम पुलिस को जून में दिए गए अपने बयान में नन ने आरोप लगाया था कि बिशप मुलक्कल ने मई 2014 में कुरविलांगड़ के एक अतिथिगृह में उसके साथ बलात्कार किया था और बाद में कई मौकों पर उसका यौन शोषण किया. नन ने कहा कि उसकी शिकायतों पर चर्च अधिकारियों के कार्रवाई नहीं करने के बाद उसने पुलिस से संपर्क किया. हालांकि, बिशप ने अपने ऊपर लगे आरापों से इंकार किया है.
6 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर बिशप
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिशप को जिला कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान कोर्ट ने बिशप की रिमांड को बढ़ाते हुए उसे 6 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा था. बता दें कि इससे पहले 22 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया था. तब सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था.