- बजट सत्र के पहले दिन सपा विधायकों की हरकत को भाजपा ने बताया महिला विरोधी
- भाजपा प्रवक्ता ने कहा- राज्यपाल की गरिमा के प्रतिकूल है सपाइयों का कृत्य
- आधी आबादी के बारे में कई बार अभद्र टिप्पणी भी कर चुके हैं समाजवादी पार्टी के दिग्गज
लखनऊ, 21 फरवरी। यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता। यानी जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी लोकतंत्र के मंदिर में भी नारीशक्ति का सम्मान नहीं कर सकी। विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन देश-प्रदेश ने मातृशक्ति व विधायिका के प्रति उनके भाव व सम्मान को देखा। राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद का भी सपाइयों ने ध्यान नहीं रखा। सपा विधायकों की इस हरकत की निंदा करते हुए भाजपा प्रवक्ता अनिला सिंह ने उसे महिला विरोधी पार्टी करार दिया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने कभी भी महिलाओं का सम्मान नहीं किया। सपा राज में आए दिन महिलाओं के साथ होती रहीं घटनाएं किसी से छिपी नहीं हैं। कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया से जुड़े शख्स ने युवा महिला नेत्री के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था, जिसके लिए उन्हें लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। सपा के वरिष्ठ नेता रहे आजम खान ने भी कई बार महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणियां की थीं। यह सब घटनाएं बताती हैं कि समाजवादी पार्टी में नारियों की सुरक्षा व सम्मान नहीं है।
असभ्यता का पोषक है आधुनिक समाजवाद
अनिला सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के दिग्गजों के मन में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद और महिला के प्रति सम्मान का जो भाव है, वह न सिर्फ सदस्यों, बल्कि देश-प्रदेश के आम नागरिकों ने भी देख लिया। आधुनिक समाजवाद अराजकता, अशिष्टता, असभ्यता, आतंक का पोषक बना बैठा है, जिसे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठीं राज्यपाल के पद की गरिमा का ध्यान नहीं है। यह अपमान न केवल हाउस का है, राज्यपाल का है, बल्कि यह अपमान आधी आबादी का भी है। महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी से इन तथाकथित समाजवादियों का पुराना नाता रहा है। फिर चाहे वह आजम खान हों या अबू आजमी। शफीकुर्रहमान बर्क हों या रामगोपाल यादव और मनीष जगन। इन सबने महिलाओं पर अपशब्दों की सारी सीमाएं लांघकर प्रहार किया है। समाजवादी पार्टी महिला विरोधी है।