केन्द्रीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि वह अक्टूबर के दौरान मुद्रा बाजार में 360 बिलियन रुपये (4.95 बिलियन डॉलर) का संचार करेगा. आरबीआई का यह कदम मुद्रा बाजार में क्रेडिट की कमी के चलते उठाया जा रहा है. रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि इस संचार से उसे आगामी त्योहारों के दौरान बाजार में पर्याप्त मात्रा में करेंसी की उपलब्धता बनाए रखने में मदद मिलेगी.यह कदम रिजर्व बैंक ने केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्ज में 700 बिलियन रुपये की कटौती करने के ऐलान के बाद जिसे साफ संकेत माना जा रहा है कि केन्द्रीय बैंक सरकारी बॉन्ड की बाईबैक के लिए तैयार है. इससे पहले 27 सितंबर को जारी प्रेस रिलीज के जरिए केन्द्रीय बैंक ने दावा किया था कि वह मुद्रा बाजार में जरूरत के मुताबिक तरलता रखने के लिए तैयार है.
रिजर्व बैंक के मुताबिक अक्टूबर के दूसरे, तीसरे और चौथे हफ्ते के दौरान वह ओपन मार्केट ऑपरेशन के तहत सरकारी बॉन्डों की खरीदारी करेगा. हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा है कि सरकारी बॉन्ड खरीदने की उसकी निर्धारित सीमा को वह मुद्रा बाजार में तरलता को देखते हुए बदल भी सकता है.
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गौरतलब है कि सोमवार को मुद्रा बाजार में भारत सरकार के बॉन्ड ईल्ड अपने एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. बाजार के जानकारों का मानना है कि सरकारी बॉन्ड के निवेशकों ने केन्द्र सरकार के कर्ज में कटौती के फैसले के चलते बॉन्ड में अपना डर जाहिर किया है. केन्द्र सरकार का बेंचमार्क 10 साल के बॉन्ड ईल्ड 12 बेसिस प्वाइंट की गिरावट के साथ 7.90 फीसदी पर रहा. बॉन्ड का यह स्तर 29 अगस्त के बाद का न्यूनतम स्तर है.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने नए कर्ज में 700 बिलियन रुपये की कटौती करने का फैसला स्माल सेविंग स्कीमों में उम्मीद से अधिक 750 बिलियन रुपये की कमाई के चलते लिया है.
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रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में अतिरिक्त तरलता संचार के लिए मुद्रा बाजार में रुपये के लिए जारी चुनौतियों के चलते उठाया है. केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि संचार किए जाने वाले 350 बिलियन रुपये से त्यौहारों के दौरान बाजार में पर्याप्त मात्रा में करेंसी उपलब्ध रहेगी.