बेगूसराय। देवोत्थान एकादशी के साथ ही चार महीने से क्षीर सागर में सोए भगवान श्रीहरि विष्णु शुक्रवार को योगनिद्रा से जगा दिए गए हैं। इस मौके पर रात में जहां एक ओर शालीग्राम के साथ माता तुलसी का विवाह कराया गया। वहीं, देव दीपावली के मौके पर एक बार फिर दीपक की रोशनी से मंदिर और घाट जगमग किए जा रहे हैं। देवोत्थान एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाने का विधान है। लेकिन इस बार ग्रह की दशा ठीक नहीं रहने के कारण चार माह से रुका शादी सहित सभी शुभ कार्य 20 नवम्बर से चालू हो सकेगा।
ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र गढ़पुरा के संस्थापक पंडित आशुतोष झा ने बताया कि विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस वर्ष विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। लेकिन, वर्तमान में और राशि शुभ योग में नहीं आने के कारण शहनाई की गूंज 20 नवम्बर से सुनने को मिलेगी। इस पंचांग वर्ष में कुल 58 शादी के शुभ मुहूर्त हैं।
विवाह की शुभ तिथि –
नवम्बर में : 20, 21, 24, 25, 27, 28 एवं 30
दिसम्बर में : 04, 05, 07, 08, 09 एवं 14
जनवरी में : 18, 19, 22, 23, 25, 26, 27 एवं 30
फरवरी में : 01, 06, 08, 10, 15, 16, 17, 22, 24 एवं 27
मार्च में : 01, 06, 08, 09 एवं 13
मई में : 01, 03, 07, 11, 12, 17, 21, 23, 26, 29 एवं 31
जून में : 05, 07, 08, 09, 12, 14, 18, 22, 23, 25 एवं 28
द्विरागमन (बेटी विदाई) का शुभ दिन –
नवम्बर में : 24, 25, 27, 28 एवं 30
दिसम्बर में : 01, 04, 05, 07, 08, 09, 11 एवं 12
फरवरी में : 23, 24 एवं 27
मार्च में : 01, 02, 03, 08, 09 एवं 10
अप्रैल में : 20, 23, 24, 26, 27 एवं 28
मई में : 01, 04, 05 एवं 07
मुंडन संस्कार का शुभ दिन –
नवम्बर में : 25, 28 एवं 30
दिसम्बर में : 05 एवं 09
जनवरी में : 23, 26 एवं 27
फरवरी में : 01, 03, 10, 22, 23 एवं 24
मार्च में : 01, 02, 03, 09 एवं 10
अप्रैल में : 24, 26 एवं 27
मई में : 01, 03, 08, 22, 24, 29 एवं 31
जून में : 01, 02, 08, 21 एवं 28
उपनयन संस्कार (जनेऊ) का शुभ दिन –
जनवरी में : 26 एवं 31
फरवरी में : 01, 22 एवं 24
मार्च में : 01, 02, एवं 03
मई में : 01, 22, 24, 29, 30 एवं 31