(शाश्वत तिवारी) । एक समय था जब भारत के लोगों को झांसा देकर विदेश ले जाया जाता था और वो बंधुआ मजदुर की तरह जीवन बिताने को मजबूर होते थे, लेकिन अब हमारी विदेश नीति इतनी सक्षम है की हम विदेश में फंसे हर भारतीय को सुरक्षित वापस ला रहे हैं। ताजा मामला आईटी नौकरियों से जुड़ा है। दरअसल कुछ भारतीयों को आईटी में नौकरी का झांसा देकर म्यांमार बुलाया गया था और वो वहां फंस गए थे। अब विदेश मंत्रालय ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया है कि आईटी नौकरियों के लालच में आए 32 भारतीयों को म्यांमार से बचा लिया गया है, वहीँ 60 अन्य लोगों की मदद करने के लिए काम किया जा रहा है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे उसी क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
दुबई, बैंकॉक और भारत में एक्टिव हैं एजेंट:
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग के दौरान कहा कि ये कंपनियां स्पष्ट रूप से दुबई, बैंकॉक और भारत में एजेंटों के माध्यम से भारतीय श्रमिकों की भर्ती के लिए ‘थाईलैंड में आईटी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बहाने’ संचालित करती हैं। दुर्भाग्य से इन श्रमिकों को अवैध रूप से सीमा पार म्यांमार के म्यावाडी क्षेत्र में ले जाया जाता है, जहां स्थानीय सुरक्षा स्थिति के कारण पहुंचना मुश्किल है। म्यांमार और थाईलैंड में भारतीय मिशनों के प्रयासों से 32 में से 32 लोगों को बचाने में मदद मिली है.।
मंत्रालय ने दी अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह:
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से इस तरह की नौकरी की पेशकश करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया है साथ ही कहा है कि थाईलैंड में वीजा ऑन अराइवल योजना रोजगार की अनुमति नहीं देती है।