एशिया कप फाइनल के रोमांचक मुकाबले में भारत से मिली हार के बाद भी स्थानीय मीडिया ने बांग्लादेश के प्रदर्शन की तारीफ की. सलामी बल्लेबाज लिटन दास की पहली शतकीय पारी के बाद भी बांग्लादेश 50 ओवर के इस मुकाबले में महज 222 रन बना सका. भारत को इस लक्ष्य को पाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी. छठे विकेट के लिए रवींद्र जडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने 45 रन की साझेदारी कर टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला और चोटिल केदार जाधव ने नाबाद 23 रन की पारी खेल टीम की जीत सुनिश्चित की.
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार का शीर्षक था, ”टाइगर्स (बांग्लादेश टीम) बहुत कम अंतर से चूक गए.” इस अंग्रेजी अखबार ने लिखा, ”टूर्नामेंट की शानदार शुरूआत के बाद टीम की बल्लेबाजी बिखर गयी, लेकिन बांग्लादेश को अपनी गेंदबाजी पर फख्र होना चाहिए. वे कई बार जीत के करीब पहुंच कर चूक गए.” एक अन्य अखबार डेली न्यू एज ने शीर्षक दिया ”निडर बांग्लादेश थोड़ा पीछे रह गया.” अखबार ने लिटन दास को देश का भविष्य बताते हुए लिखा कि उन्होंने 117 गेंद में 121 रन की पारी में अपना कौशल दिखाया.
भारत के पूर्व क्रिकेटरों वीवीएस लक्ष्मण और मोहम्मद कैफ ने भी बांग्लादेश की तारीफ की. वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट किया, ”भारत को चैम्पियन बनने पर बधाई. शाकिब (अल हसन) और तमीम (इकबाल) की गैरमौजूदगी में बांग्लादेश ने कड़ी टक्कर दी और हार नहीं मानने का जज्बा दिखाया. केदार जाधव की जीवटता और प्रतिबद्धता दिखाने के लिये तारीफ के हकदार हैं.”
कप्तान मशरेफ मुर्तजा ने कहा, मौकों को भुना नहीं पाए
भारत के खिलाफ लगातार दूसरी बार एशिया कप का फाइनल हारने वाली बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान मशरेफ मुर्तजा ने कहा है कि उनकी टीम के पास जब मौके थे और उनका जब मैच पर नियंत्रण था तब वह उसका फायदा नहीं उठा पाई. बांग्लादेश को भारत ने एशिया कप-2018 के फाइनल में तीन विकेट से मात देकर खिताब अपने नाम किया. पिछले संस्करण में भी यह दोनों टीमें फाइनल खेली थीं जहां भारत विजयी रहा था.
मैच के आखिरी ओवर में जीत के लिए छह रनों की दरकार थी. मुर्तजा ने पहले यह ओवर सौम्य सरकार से कराने का फैसला किया लेकिन बाद में उन्होंने महामुदुल्लाह को गेंद थमा दी. मैच के बाद मुर्तजा ने इसका कारण भी बताया. वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने मुर्तजा के हवाले से लिखा है, “अगर हमारे पास रुबेल हुसैन या मुस्ताफीजुर रहमान का विकल्प होता तो हम आखिरी ओवर इन्हीं दो में से एक से कराते, लेकिन ऐसा नहीं था. मैंने महामुदुल्लाह से पूछा कि क्या उन्हें अपने ऊपर आत्म विश्वास है तो उन्होंने कहा कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में इस तरह की स्थितियों में गेंदबाजी करने का अनुभव उनके पास है और सौम्य सरकार पर रन भी बनाना आसान होता. ऐसे में हमने महामुदुल्लाह को गेंद सौंपी.”
इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, “हम चाहते थे कि एक शॉट मिस हो जाए, उसके बाद कुछ भी हो सकता था. मैंने महामुदुल्लाह से कहा था कि हमारे पास एक मौका तब होगा जब शॉट चूके. हम चाहते थे कि कुलदीप ऐसा करें क्योंकि केदार जाधव विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं. पांचवीं गेंद पर बल्ले का किनारा लगा था तब गेंद स्टम्प तक जा सकती थी. आपको इस तरह की स्थिति में थोड़े बहुत भाग्य की जरूरत होती है, लेकिन जब चीजें हमारे नियंत्रण में थीं तब हम उन्हें भुना नहीं पाए.” बांग्लादेश तीसरी बार फाइनल में पहुंचा था. वह सबसे पहले 2012 में फाइनल में पहुंचा था तब पाकिस्तान ने उसे खिताब से दूर कर दिया था.