भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हत्या में रूस के पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ स्टालिन की भूमिका थी और 1945 में विमान हादसे में उनकी मौत नहीं हुई थी, जैसा कि ज्यादातर लोग मानते हैं.
सांस्कृतिक गौरव संस्था द्वारा यहां रवींद्र शतवार्षिकी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि बोस ने रूस में शरण मांगी थी, जहां बाद में उनकी हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि बोस की मृत्यु 1945 में नहीं हुई, यह गलत है. यह नेहरू और जापानियों की साजिश है. सुभाष चंद्र बोस ने रूस में शरण मांगी थी और उन्हें वहां शरण दी गई थी. जवाहर लाल नेहरू सबकुछ जानते थे. बाद में वहां बोस की हत्या कर दी गई.
स्वामी ने यह भी दावा किया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार के चलते ब्रितानी औपनिवेशिक शासकों ने भारत को आजादी दी जिसका गठन 75 साल पहले सिंगापुर में हुआ था. स्वामी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा सिर्फ एक अधिसूचना जोड़कर हटाया जा सकता है. यह अनुच्छेद कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के निर्माण के लिए आगे के रास्ते और खुले हैं.