
विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वावधान में दुनियाभर में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व भर में प्रति वर्ष 10 सितंबर को दुनिया भर में ‘विश्व आत्महत्या निवारण दिवस’ (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है।
इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के लिए नया नारा दिया है जो है ” कार्यवाही के द्वारा आशा जगाना”। इस दिवस को विश्व भर में मनाने की शुरुआत 2003 में की गई थी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार छात्रों में प्रतिवर्ष आत्महत्या की दर में वृद्धि हो रही है। 2020 में लगभग 12,526 छात्रों ने आत्महत्या किया था। वहीं, 2021 में 13,089 छात्रों ने आत्महत्या किया।
आत्महत्या करने वाले छात्रों में 44% छात्र महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश के हैं। 15-24 वर्ष के लोगों के मृत्यु का आत्महत्या दूसरा सबसे बड़ा कारण है। गौरतलब है कि देश की सुरक्षा में जुटे जवानों में भी आत्महत्या की प्रवृत्ति पैर पसार रही है।