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स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर “आईएनएस विक्रांत” कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से 2 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना में शामिल किया जा रहा है। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत चालू होना भारत की आजादी के 75 साल के अमृतकाल के दौरान देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और यह देश के आत्मविश्वास और कौशल का प्रतीक भी है।
यह स्वदेशी विमानवाहक पोत देश के तकनीकी कौशल एवं इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है। विमानवाहक युद्धपोत बनाने में भारत की आत्मनिर्भरता की सक्षमता का प्रदर्शन, देश के रक्षा स्वदेशीकरण कार्यक्रमों और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सुदृढ़ करेगा। आईएनएस विक्रांत के चालू होने के साथ, हमारा देश विश्व के उन विशिष्ट देशों के क्लब में प्रवेश कर गया है जो स्वयं अपने लिए विमान वाहक बना सकते हैं ।
देश की सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने देश के पहले स्वदेशी रूप से निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए सारी डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है।
कंपनी ने इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के साथ “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की दिशा में भागीदारी निभाते हुए, भारतीय नौसेना के इस पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के निर्माण के लिए करीब 30000 टन डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है।