- मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश में खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव
- –मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनाए जा रहे हॉस्टल, स्विमिंग पूल व वेलोड्रम
- –कानपुर और वाराणसी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाये जा रहे मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स
- –क्रिकेट के अलावा ओलंपिक से जुड़े खेलों को दिया जा रहा है बढ़ावा
- अंशकालिक व फुल टाइम कोच की संख्या बढ़ाए जाने की है संभावना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी देश और दुनिया सभी जगह अपनी छाप छोड़ रहे हैं। आने वाले समय में इनकी संख्या में और इजाफा होने जा रहा है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों से खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल बदलाव किए जा रहे हैं। जहां खेल निदेशालय की तरफ से राज्य के कई जिलों में नए खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है तो प्रदेश सरकार के आग्रह पर कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। इसका फायदा प्रदेश के खिलाड़ियों और खेलों को मिलेगा और वो अंतर्राष्ट्रीय फलक पर देश और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
विभिन्न जिलों में चल रहीं योजनाएं
खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश के निदेशक आरपी सिंह के मुताबिक, राज्य में बड़े स्तर पर खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा है। इसके तहत, सिर्फ लखनऊ में ही स्विमिंग पूल और वेलोड्रम का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी अलग-अलग खेलों से जुड़े कोर्ट व स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। मिर्जापुर, अलीगढ़, बस्ती, देवीपाटन और मुरादाबाद जैसे शहरों में 50-50 खिलाड़ियों की क्षमता वाले स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण हो रहा है तो शामली और हापुड़ जैसे शहरों में स्टेडियम बनाया जा रहा है। वाराणसी में भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। इसका फायदा सीधे तौर पर खिलाड़ियों को मिलेगा। साथ ही, अंशकालिक कोच भी बढ़ाए जाएंगे, जिससे रोजगार सृजन भी होगा।
कानपुर-वाराणसी में बन रहे मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स
पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत कानपुर और वाराणसी में दो अत्याधुनिक मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य में भूमि उपलब्ध कराई है। डबल इंजन की सरकार के फैसले के फलस्वरूप इन मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में बैडमिंटन, स्क्वाश, स्विमिंग पूल, हॉकी, बॉक्सिंग समेत 22 से ज्यादा खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होगा। कानपुर में पालिका स्टेडियम में बनाए जा रहे इस मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में जिम, जकूजी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। प्रदेश का सबसे बड़ा इंडोर स्पोर्ट्स हाल भी होगा, जबकि स्पा और रेस्टोरेंट जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। 315 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस स्टेडियम का पहला फेज तकरीब पूरा हो गया है और अक्टूबर मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में भी 87 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट सिटी के तहत मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बन रहा है। यह काम्प्लेक्स तमाम खूबियों के साथ-साथ दिव्यांगजनों के अनुकूल होगा। यहां पैरा स्पोर्ट्स भी कराए जाने की योजना है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
सरकार द्वारा चलाए जा रहे री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से न सिर्फ राज्य में लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यहां खेल से जुड़े रोजगार मिलने की भी प्रबल संभावना है। खेल विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बाद विभिन्न केंद्रों में संबंधित खेलों के प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इससे एनआईएस कर चुके तमाम युवाओं को नई प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिलेगा। वहीं, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भी एनआईएस कोच व अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
खेलों को प्रमोट कर रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेलों को प्रमोट करने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को न सिर्फ नकद पुरस्कार दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें राजपत्रित अधिकारी के पद पर सीधे नियुक्ति देने का फैसला किया गया है। हाल ही में सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले 8 खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार के जीओ के अनुसार, स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को एक करोड़, रजत पदक विजेताओं को 75 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 50 लाख रुपए दिए जाते हैं। सहभागिता राशि के तौर पर पदक न जीत पाने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपए दिए जाते हैं।