राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड ने डिजिटल ऑन्कोलॉजी के लिए नए केंद्र की स्थापना की

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) ने पूरे भारत में कैंसर रोगियों की  देखभाल में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों एवं उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल ऑन्कोलॉजी के लिए कोइता केंद्र (केसीडीओ) की स्थापना की है।

इस केंद्र की स्थापना कोइता फाउंडेशन से प्राप्त योगदान से की गई है, जो इसे अगले पांच साल तक समर्थन देगा। टाटा मेमोरियल सेंटर और कोइता फाउंडेशन ने आज मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके अपने सहयोग को औपचारिक रूप दिया।

कैंसर की देखभाल तेजी से विकसित हो रही है और दुनिया भर में कैंसर रोगियों की  देखभाल को बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरण अनिवार्य होते जा रहे हैं। केसीडीओ कैंसर देखभाल की  निरंतरता में डिजिटल परिवर्तन को शामिल करके आगे बढाने  में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

केसीडीओ राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) अस्पतालों को डिजिटल स्वास्थ्य में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों को अपनाने एवं इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा अभिलेखों (ईएमआर) को अपनाने, हेल्थकेयर डेटा की अंतरसंक्रियता (इंटरऑपरेबिलिटी), रिपोर्टिंग एवं विश्लेषण (एनालिटिक्स) सहित कई सामान्य प्रौद्योगिकी पहलों को आगे बढाने में सहायता करेगा।  

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) के बारे में :

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) परमाणु ऊर्जा विभाग और इसके अनुदान सहायता संस्थान, टाटा मेमोरियल सेंटर के माध्यम से देशभर में कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी समूहों और धर्मार्थ (चैरिटेबल) संस्थाओं  का एक  ऐसा नेटवर्क बनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है जिससे कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए रोगी देखभाल के एक समान मानक विकसित करने के उद्देश्य से ऑन्कोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण एवं शिक्षा प्रदान करने  तथा  कैंसर में सहयोगी बुनियादी, रूपांतरण एवं नैदानिक ​​अनुसंधान की सुविधा प्रदान की जा सकेगी । एनसीजी के आज पूरे भारत फैले में अपने नेटवर्क में 270 से अधिक अस्पताल हैं।

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