हाइड्रोजन सेंसिंग और विश्लेषण प्रौद्योगिकी के स्वदेश में विकास के लिए महाराष्ट्र से एक हाइड्रोजन स्टार्टअप को 3.29 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा केंद्र सरकार की तरफ से की गई है। इसकी घोषणा केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा की गई है।
भारत हाइड्रोजन रिसाव का पता लगाने वाले सेंसर के आयात पर अब अपनी अधिक निर्भरता को कम करेगा क्योंकि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड – विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (टीडीबी-डीएसटी) स्वदेशी रूप से विकसित सेंसर का समर्थन करता है । वर्तमान में इस सेंसर के लिए आयात करने पर बहुत अधिक निर्भरता है क्योंकि ऐसे सभी कोर सेंसर के अवयव तत्व चीन, अमेरिका इंग्लैंड,जापान और जर्मनी से आयात किए जाते हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गएराष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने एवं भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने में सरकार की सहायता करना है इससे 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने और अक्षय ऊर्जा क्षमता से संबंधित विकास में सहायता मिलेगी।