उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जल संरक्षण और संचयन के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत सरोवर योजना के उत्तर प्रदेश में सार्थक व सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। उत्तर प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है।
दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश व तीसरे स्थान पर जम्मू-कश्मीर है। मिशन अमृत सरोवर की अधिकृत वेबसाइट भी इसकी पुष्टि कर रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी शुक्रवार को अपने ट्वीट में अमृत सरोवरों के निर्माण से बदल रही उत्तर प्रदेश की तस्वीर को साझा किया है।
उत्तर प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में, प्रति ग्राम पंचायत कम से कम दो अमृत सरोवरों (लगभग 1.20 लाख ) के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया। अमृत सरोवरों के विकास का उद्देश्य, जल संरक्षण एवं जल संचयन के साथ-साथ इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करना है।
उत्तर प्रदेश में 15415 अमृत सरोवर विकसित करने के लिए चयनित किए गए। इनमें 8343 सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। सभी अमृत सरोवरों के निकट जनोपयोगी कार्य भी कराए जा रहे हैं।
क्या है मिशन अमृत सरोवर :
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के लिए जल संरक्षण की दृष्टि से 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर पर एक नया मिशन आरंभ किया था। मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव के एक हिस्से के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है। कुल मिलाकर, इससे लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण होगा।
यह मिशन समग्र सरकारी दृष्टिकोण के साथ आरंभ किया गया है जिसमें 6 मंत्रालय/विभाग नामत: ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय शामिल हैं।
मिशन अमृत सरोवर को 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाना है। देश में लगभग 50,000 ऐसे अमृत सरोवर का निर्माण किया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर के पास10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ लगभग 1 एकड़ का क्षेत्र होगा।
लोगों की भागीदारी इस मिशन का केंद्र बिंदु है। स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी, उनके परिवार के सदस्य, शहीदों के परिवार के सदस्य, पद्म पुरस्कार विजेता और स्थानीय क्षेत्र के नागरिक, जहां अमृत सरोवर का निर्माण किया जाना है, सभी प्रत्येक चरणों में शामिल रहेंगे।