भारत के प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पारी को याद करते हुए 2014 के बाद स्वच्छता और ऊर्जा सुरक्षा की मुहिम में आई तेजी का उल्लेख आज लाल किले की प्राचीर से किया। उन्होंने कहा कि जब मैंने यहां अपने पहले भाषण में स्वच्छता की बात कही थी उसके बाद देश चल पड़ा है, जिससे जहां हो सका, स्वच्छता की ओर आगे बढ़ा और गंदगी के प्रति नफरत एक स्वभाव बनता गया है। यही तो देश है, जिसने इसको करके दिखाया है और कर भी रहा है, आगे भी कर रहा है; यही तो देश है, जिसने वैक्सीनेशन, दुनिया दुविधा में थी, 200 करोड़ का लक्ष्य पार कर लिया है, समय-सीमा में कर लिया है, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ करके कर लिया है, ये देश कर सकता है।
हमने तय किया था देश को खाड़ी के तेल पर हम गुजारा करते हैं, झाड़ी के तेल की ओर कैसे बढ़ें, 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेडिंग का सपना बड़ा लगता था। पुराना इतिहास बताता था संभव नहीं है, लेकिन समय से पहले 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेडिंग करके देश ने इस सपने को पूरा कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा का एक और मंत्र देते हुए अपने भाषण में कहा कि यह शासन का काम है कि बिजली 24 घंटे पहुंचाने के लिए प्रयास करे, लेकिन यह नागरिक का कर्तव्य है कि जितनी ज्यादा यूनिट बिजली बचा सकते है बचाएं।