उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल और भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजय खन्ना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की है। बैठक में यह निष्कर्ष सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में बुनकरों की पूंजीगत कठिनाई खत्म होगी और इस समुदाय के लिए सामाजिक आर्थिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करते हुए प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना के तहत 50 हजार तक लोन मिलेगा।
केंद्र सरकार की मुद्रा योजना और प्रदेश सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत बुनकरों को सस्ते दर पर ऋण के साथ अनुदान का लाभ भी दिया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों का पंजीयन विशेष अभियान चलाकर कराया जाएगा। इस प्रकार वस्त्र उद्योग की रीढ़ कहे जाने वाले बुनकरों की पूंजीगत कठिनाई को दूर करने के लिए उन्हें बैंकों से ऋण दिलाने का निर्णय किया गया है।
बैठक में हुए निर्णय :
- भारतीय स्टेट बैंक पहले चरण में वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को मुद्रा योजना के तहत ऋण देगा।
- इसके लिए बुनकरों को केवल अपना पहचान पत्र, बुनकर होने का प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और हैंडलूम में पंजीकरण का प्रमाणपत्र देना होगा।
- ऋण स्वीकृति की सभी प्रक्रियाएं केंद्रीयकृत होंगी। इससे बुनकरों को ऋण के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
- प्रदेश के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों का हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग में पंजीयन कराया जाएगा।
- इससे बुनकरों को सरकार की योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। बैंक से ऋण लेने में आसानी होगी।