राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021 को हाल ही में लोकसभा में मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला के कामकाज को कानूनी स्वरूप प्रदान करने के लिए इस विधेयक का निर्माण किया गया है।
यह विधेयक पिछले वर्ष दिसंबर में लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विचारार्थ स्थायी समिति को भेज दिया गया था। इसके बाद सोमवार, 27 जुलाई को इसे चर्चा एवं पारित होने के लिए सदन में लाया गया। नेशनल फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला पूरक पोषक आहार संबंधी विषय की जांच के लिये लैब बनाएगी। उन्होंने कहा कि विधेयक में प्राधिकार को जांच एवं जब्ती का अधिकार दिया गया है और इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि इसका दुरूपयोग नहीं हो।
विधेयक की मुख्य बातें :
- विधेयक में कहा गया है कि भारत ने खेल में डोपिंग के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन संबंधी अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किया था और नवंबर 2007 में इसका अनुमोदन किया था।
- भारत सरकार ने 2008 में राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की और इसके अधीन 2009 में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अभिकरण ने भारत की प्रतिबद्धता को पूरा किया।
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक का मकसद, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अभिकरण एवं इससे संबंधित परीक्षण प्रयोगशालाओं के संचालन को कानूनी स्वरूप प्रदान करना है।
- राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021 में अन्य बातों के साथ खेल में डोपिंग रोधी कार्य के लिये एक राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना की बात कही गई है तथा इसमें संरचना, शक्तियों एवं कार्यों का ब्यौरा दिया गया है।
- इसमें अनुशासन की प्रक्रियाओं को अंगीकृत करने, नमूने, निरीक्षण, संग्रहण एवं सूचना के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
- इसमें डोप परीक्षण प्रयोगशालाओं की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य भारत में खेलों को डोप मुक्त बनाने के लिये खेलों में डोपिंग नियंत्रण कार्यक्रम चलाने के लिहाज से रूपरेखा एवं तंत्र को प्रोत्साहित करना है।