लखनऊ। लखनऊ में पिटबुल अटैक का दर्दनाक हादसा कुछ जरूरी सवाल खड़े करता है। जिस अमेरिकन पिटबुल (विदेशी नस्ल का कुत्ता) को 80 साल की बुजुर्ग महिला सुशीला ने अपने बेटे की तरह पाला, वही कुत्ता उनके लिए काल बन गया।
महिला की मौत के बाद लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल को कब्जे में ले लिया था। वहीं पिटबुल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया था।
अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नगर निगम ये नियम बनाने जा रहा है कि एक परिवार में दो से ज्यादा पालतू कुत्ते नहीं होंगे। अभी तक इसको लेकर कोई मजबूत नियम नहीं थे।
नगर निगम की तरफ से लोगों को मशवरा दिया गया है कि अमेरिकन पिटबुल, सिबेरियन, पिन्सचर, राटविलर, हुसकी, डाबरमैन, और बाक्सर ब्रीड जैसे कुत्तों को नहीं पालना चाहिए। अगर इन ब्रीड को पालते हैं, तो घर में बच्चों और बुजर्गों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि ये कुत्ते कभी भी हमलावर हो सकते हैं।
अब लखनऊ नगर निगम का कहना है कि सर्वे के बाद ही विदेशी नस्ल के कुत्तों का लाइसेंस बनाया जाएगा। ट्रेनिंग, टीके और बर्ताव के सर्वे के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। गौरतलब है कि लखनऊ में कुत्ते पालने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी है। अगर कुत्ते का लाइसेंस नहीं लिया, तो 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।