नई दिल्ली। हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 94वें स्थापना दिवस पर भारत के कृषि मंत्री की अध्यक्षता में समारोह का आयोजन हुआ जिसमें कृषि मंत्री द्वारा मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिया गया। इस समारोह का आयोजन आईसीएआर पूसा परिसर, दिल्ली में हुआ जिसमें कुछ ख़ास बिंदुओं को विशेष तौर पर रखा गया ।
प्रधानमंत्री के विजन पर नई शिक्षा नीति का उदय हुआ, अब स्कूली शिक्षा में कृषि पाठ्यक्रम का समावेश किया जा रहा है। “कृषि शिक्षा संस्थान नई शिक्षा नीति को कैसे अंगीकार करें, यह काम आगे बढ़कर आईसीएआर ने किया है।
प्रधानमंत्री की पहल पर अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष अगले साल भारत की अगुवाई में मनाया जाएगा। इसके मद्देनजर मिलेट्स को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने पर आईसीएआर को फोकस करना चाहिए।
पीएम के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें सुविधाएं-समर्थन देने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम कर रही है। कृषि का बजट 8 वर्ष पूर्व करीब 22 हजार करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 1.32 लाख करोड़ रु. कर दिया गया है।
पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में हर साल 3 किश्तों में 6,000 रु. किसानों के बैंक खातों में दिए जा रहे हैं, वहीं एफपीओ के माध्यम से छोटे किसानों की दिक्कतें दूर की जा रही हैं। नए 10 हजार एफपीओ मील का पत्थर साबित होंगे और इनके जरिये देश ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी कोने में किसान अपने उत्पाद आसानी से बेच सकेंगे।
समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि उत्पादकता के क्षेत्र में काम करने सहित दलहन, तिलहन, कपास उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी आईसीएआर व केवीके को संकल्पबद्ध होकर प्रयास करने को कहा।
इस समारोह आयोजन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने 4 प्रमुख श्रेणियों में 15 पुरस्कार प्रदान किए। श्रेणियों में कृषि संस्थानों के लिए उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और किसानों द्वारा नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।