नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हाल ही में 155 साल पुराने प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट को खत्म करने का निर्णय किया है । इसकी जगह प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल’ लाया जा रहा है। इस विधेयक की सबसे ख़ास बात यह है कि देश में काम करने वाले न्यूज पोर्टलों को भी अब अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
दरअसल पुराने कानून के तहत , अब तक केवल समाचार पत्रों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। न्यूज पोर्टल के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए सरकार ने न्यूज पोर्टलों को जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिहाज़ से यह निर्णय लिया है। इस बिल को कानूनी मान्यता मिलने के बाद न्यूज पोर्टल को भी अखबारों की तरह पंजीकरण कराना आवश्यक हो जाएगा।
यह बिल समाचार पत्रों के लिए नई व आसान पंजीकरण व्यवस्था होगी, इसके तहत डिजिटल मीडिया को भी लाने की तैयारी है। यह विधेयक प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम, 1867 की जगह लेगा। इसके तहत मध्यम व छोटे प्रकाशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल रखा जाएगा और प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा जाएगा।
इससे जुड़ा प्रारूप विधेयक ( ड्राफ्ट बिल ) 2019 में ही आ गया था जिसमें ‘डिजिटल मीडिया पर समाचार’ को ‘डिजीटल प्रारूप में समाचार’ के रूप में परिभाषित किया था, जिसे इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है। इसमें टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स शामिल हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल कितने प्रभावी तरीके से काम करेगा।